यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंची रूसी सेना, जगह-जगह दिखी बर्बादी - Khulasa Online यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंची रूसी सेना, जगह-जगह दिखी बर्बादी - Khulasa Online

यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंची रूसी सेना, जगह-जगह दिखी बर्बादी

नईदिल्ली. जंग के दूसरे दिन ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुकी है। नाटो चीफ से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति तक मिलिट्री एक्शन से पीछे हट गए हैं। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। बेबस यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है, मैं रूस का नंबर वन टारगेट हूं, मेरा परिवार नंबर टू टारगेट।
गुरुवार को रूस ने पूरे यूक्रेन में 200 से ज्यादा हमले किए। लिहाजा सभी इलाकों के लोगों में दहशत फैल गई। लाखों लोगों ने पूरा दिन और रात सबवे, मेट्रो स्टेशन, अंडरग्राउंड शेल्टर में गुजारी। कई जगह लोगों को जरूरी सामानों की किल्लत भी उठानी पड़ रही है। इस जंग में कई लोगों ने अपनों को भी खोया है।

जंग के इस मोड़ पर तीन अहम सवाल उठ रहे हैं. 1. अगले 24 घंटे में क्या सिनेरियो होगा। 2. यूक्रेन के राष्ट्रपति के पास अब क्या रास्ते बचे हैं। 3. क्या जंग अपने अंजाम के करीब है। आइए, तीनों सवालों के जवाब और इसके पीछे की वजहों को समझते हैं।

1. अगले 24 घंटे में क्या सिनेरियो बन रहा है
राष्ट्रपति जेलेंस्की की गिरफ्तारी: यूक्रेन के गृह मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने एक बयान जारी कर बताया कि शुक्रवार, 25 फ रवरी को रूस की योजना यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरने की है। यहां सुबह से ही धमाके सुनाई दे रहे हैं। ये धमाके क्रुज और बैलिस्टिक मिसाइलों से किए गए हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि कुछ रूसी सैनिक राजधानी कीव में पहुंच चुके हैं। ये साफ इशारा है कि अगले कुछ घंटों में रूसी सेना के कमांडो दस्ते प्रेसिडेंट ऑफिस पर कब्जा करके राष्ट्रपति जेलेंस्की को पकड़ सकते हैं।

ये यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित प्रेसिडेंट ऑफि स है। जहां रूसी सेना के पहुंचने के बाद ऐसा नजारा देखने को मिल सकता है। यूएस इंटेलिजेंस के मुताबिक कीव में रूसी सेना के 10 हजार पैराट्रूपर्स उतर सकते हैं।
ये यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित प्रेसिडेंट ऑफि स है। जहां रूसी सेना के पहुंचने के बाद ऐसा नजारा देखने को मिल सकता है। यूएस इंटेलिजेंस के मुताबिक कीव में रूसी सेना के 10 हजार पैराट्रूपर्स उतर सकते हैं।

यूक्रेन में कब्जा नहीं, सत्ता परिवर्तन: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मिलिट्री ऑपरेशन का आदेश देते हुए कहा था कि हम अपने पड़ोसी यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा लोगों की रक्षा के लिए हमारा उद्देश्य यूक्रेन से सैन्य तैनाती खत्म करना और उसका विनाजीकरण करना है। पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को नाजियों की कठपुतली बताते हैं। पुतिन का यह बयान साफ इशारा है कि यूक्रेन पर रूस पूरी तरह कब्जा नहीं करेगा, बल्कि यूक्रेनी सेना को खत्म करके सत्ता परिवर्तन करेगा। यानी यूक्रेन में रूस की सेना रहेगी और वहां की सत्ता में उसकी कठपुतली सरकार।

2. यूक्रेन के राष्ट्रपति के पास अब क्या रास्ते हैं
मौजूदा सिनेरियो बता रहा है कि बिना बाहरी सपोर्ट के यूक्रेन अब ज्यादा देर रूस का मुकाबला नहीं कर सकता है। जेलेंस्की ने कहा है कि हम 96 घंटे से ज्यादा रूस को नहीं रोक पाएंगे। किसी भी वक्त रूस की मिलिट्री राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो सकती है। ऐसे में राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास तीन रास्ते हैं। वो हार मानकर समर्पण कर दें, देश छोड़कर भाग जाएं या रूसी सेना के हाथों गिरफ्तार हो जाएं।

3. क्या रूस-यूक्रेन जंग अंजाम के करीब है
इस सवाल का जवाब हां है। इसके पीछे नाटो का सैन्य कार्रवाई से इनकारए आधी-अधूरी आर्थिक पाबंदी और यूक्रेन की कमजोर मिलिट्री वजह है।

यूक्रेन को अकेला छोड़ा: नाटो से लेकर अमेरिका तक ने रूसी हमले की कड़ी निंदा की है, लेकिन यूक्रेन की मदद के लिए मिलिट्री भेजने से भी साफ इनकार कर दिया है। नाटो देश अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में आज शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग करेंगे जिसमें यूक्रेन के मुद्दे पर कुछ फैसला लिया जा सकता है। हालांकि बिना मिलिट्री की मदद के यूक्रेन ये युद्ध ज्यादा दिन नहीं खींच सकता।

आर्थिक पाबंदी भी आधी अधूरी: अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि ये आर्थिक पाबंदी भी आधी.अधूरी है, जिससे रूस को कोई खौफ नहीं है। रूस को सबसे बड़े बैंकिंग सिस्टम से बाहर नहीं निकाला गया है और पुतिन पर भी रोक नहीं लगाई है। यही वजह है कि पुतिन ने यूक्रेन में फु ल.फ्लेज्ड वॉर का आदेश दे दिया।

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