रतनूं की मगरे रा मोती मिनजी की पुस्तक का विमोचन 13 मार्च को - Khulasa Online रतनूं की मगरे रा मोती मिनजी की पुस्तक का विमोचन 13 मार्च को - Khulasa Online

रतनूं की मगरे रा मोती मिनजी की पुस्तक का विमोचन 13 मार्च को

बीकानेर (नसं)। वरिष्ठ साहित्यकार भंवर पृथ्वी रतनंू की भाटी व राठौड़ वंश के बीच हुए तनाव और फिर समझौते से उल्लेखित राजस्थानी भाषा में लिखी पुस्तक मगरे रा मौती मिनजी रतनूं के विमोचन की रविवार को घोषणा कर दी गई। इस मौके पर पत्रकार को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग राजस्थान के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने बताया कि जैसलमेर महाराव चैतन्यराज सिंह 13 मार्च को बीकानेर के टाउन हॉल में पुस्तक का विमोचन करेंगे। जगदीशदान रतनूं ने बताया कि देशनाक करणी माता मंदिर प्रन्यास ट्रस्ट के गिरिराज सिंह बारठ, स्वामी रामेश्वरानंदजी महाराज, पुस्तक के प्रकाश जयवीर सिंह भाटी, बाड़मेर के दीपसिंह भाटी, जयपुर के प्रकाश अमरावत मंचस्थ रहेंगे। पत्रवाचन किरण कविराज द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर हिंगलाजदान ने बताया कि भंवर पृथ्वीराज रतनूं मॉरिशस के जनक स्वामी श्री कृष्णानंद सरस्वती के पुत्र और देश के जाने माने डिंगल कवि राजस्थानी लोक संस्कृति के मूर्धन्य विद्वान है। रतनूं ने बताया कि मिनजी के पिताजी चैनदानजी ने गडियाला को लूटने के लिए बचाया लेकिन उस लड़ाई में वो मारे गए बाद में मिनजी ने राज्यों की आपस में भिडं़त हुई ेना को समझाने की कोशिश की लेकिन जब सेना नहीं मानी तो कटारी खाकर बलिदान दिया। उस समय ऐसी परपरा थी कि चारण की बात का उल्लंघन नहीं करते और लड़ाई रुक गई और हजारों का रतपात्र रुक गया। रतनूं ने बताया कि मिनजी की स्मृति में यह पुस्तक लिखी गई है।

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