राजस्थान के परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था पर उठे सवाल, केंद्र सरकार ने भी माना गलत - Khulasa Online राजस्थान के परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था पर उठे सवाल, केंद्र सरकार ने भी माना गलत - Khulasa Online

राजस्थान के परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था पर उठे सवाल, केंद्र सरकार ने भी माना गलत

राजस्थान के परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था पर उठे सवाल, केंद्र सरकार ने भी माना गलत

जयपुर. प्रदेश में परिवहन विभाग की ओर से एक अप्रेल से शुरू की गई ई-लाइसेंस और ई-आरसी व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नई व्यवस्था को मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों के विरूद्ध माना है, वहीं मोटर व्हीकल एक्ट के विपरीत ई-लाइसेंस और ई- आरसी व्यवस्था लागू करने को लेकर राजस्थान हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर प्रसंज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने परिवहन विभाग से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। परिवहन मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव और आयुक्त परिवहन विभाग के नाम एक पत्र लिखा है। मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया है कि आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस स्मार्ट कार्ड के रूप में फिजिकली ही जारी किए जाएं। मंत्रालय ने इस संबंध में विभाग से जवाब भी मांगा है।
मंत्रालय ने पत्र में कहा है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 16(1) में ड्राइविंग लाइसेंस के नियम स्पष्ट हैं। नियम 16 (1) में बताया है कि फॉर्म 7 के प्रारूप के अनुसार प्रत्येक ड्राइविंग लाइसेंस बिना चिप वाले लेमिनेटेड कार्ड या फिर स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी किया जाना अनिवार्य है। स्मार्ट कार्ड के मापदंड केंद्रीय मोटर वाहन नियम अनुच्छेद 11 के अनुसार ही होने चाहिए।
आरसी जारी करने के ये नियम
पत्र में बताया है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम 81 के नोट 2 में पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) के नियम स्पष्ट हैं। इसमें कहा है कि आरसी बिना चिप वाले लेमिनेटेड कार्ड या स्मार्ट क ार्ड के रूप में दी जानी है। आरसी नियम 48 के तहत फॉर्म 23 ए के प्रारूप के अनुसार ही जारी किया जाता है।
ई-मित्र केन्द्रों से जारी करना इसीलिए गलत
परिवहन विभाग ई-मित्र के जरिए स्मार्ट कार्ड की सुुविधा दे रहा है लेकिन इसमें भी मोटर व्हीकल एक्ट की अवहेलना की जा रही है। एक्ट के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस फॉर्म 7 और आरसी फॉर्म 23 ए के प्रारूप के अनुसार ही जारी किए जा सकते हैं। यानी लाइसेंस और आरसी के स्मार्ट कार्ड का प्रारूप कैसा होगा, यह एक्ट में बताया है। कार्ड की डिजाइन क्या होगी, अक्षर कैसे होंगे, कार्ड की साइज किस तरह से होगी, यह स्पष्ट किया है। जबकि ई-मित्र मनमर्जी से छापकर ई-लाइसेंस और ई-आरसी दे रहे हैं। दूसरी ओर मंत्रालय ने लाइसेंस के फॉर्म 6 और आरसी के फॉर्म 23 को समाप्त कर दिया है, इसके तहत अब लाइसेंस और आरसी पेपर प्रिंट पर नहीं दिए जा सकते।
कांग्रेस सरकार में रोकी गई थी योजना
कांग्रेस सरकार में भी ई-लाइसेंस और ई-आरसी व्यवस्था को लागू करने की कवायद हुई थी लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों को देखते हुए इसे लागू नहीं किया गया। भाजपा सरकार आने के बाद विभाग ने इस योजना को बजट घोषणा में शामिल करा लागू कर दिया।

 

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