वाहनों पर लगेगा क्यूआर कोड, एक्सीडेंट के बाद सीधे परिजनों को कॉल जाएगी - Khulasa Online वाहनों पर लगेगा क्यूआर कोड, एक्सीडेंट के बाद सीधे परिजनों को कॉल जाएगी - Khulasa Online

वाहनों पर लगेगा क्यूआर कोड, एक्सीडेंट के बाद सीधे परिजनों को कॉल जाएगी

जयपुर. सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से गाडिय़ों पर लगाने के लिए अब ऐसा स्टिकर मिलेगा, जिस पर क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी के मालिक या इमरजेंसी में उसके परिचितों को कॉल जा सकेगा। यह स्टिकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के बैग पर भी लगाया जा सकेगा। टू व्हीलर, फोर व्हीलर सहित अन्य वाहनों पर आगे- पीछे लगने वाले इन स्टिकर को कोई भी स्कैन करके कॉल कर सकेगा। गलत पार्किंग में खड़ी गाडी या एक्सीडेंट के बाद लोगों को परिचित को कॉल करके सूचना देने में मदद मिलेगी।

बच्चों के बैग पर सेफ्टी के लिए भी चिपका सकेंगे

ई-मित्र प्रभारी अधिकारी उमेश जोशी ने बताया कि यह स्टिकर ई-मित्रों पर मिलना शुरू हो गया है। इसकी रेट 599 रखी गई है। इसमें फिलहाल वाहन मालिक व उसके इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर एड किए जाएंगे। ई मित्र संचालक बल्क में ई बाजार से खरीद सकेंगे। इसे सेफ्टी के हिसाब से बच्चों के बैग पर भी चिपकाया जा सकेगा। वाहनों पर यह आगे- पीछे चिपकाया जाएगा। ई मित्र पर बिजनेस टू सिटीजन योजना के तहत ये शुरू किया गया है।

कॉल करने वाले को नहीं दिखेगा नंबर

वाहन पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके कोई भी कॉल तो कर सकेगा, लेकिन उसे वाहन मालिक या उसके परिचित का मोबाइल नंबर या नाम दिखाई नहीं देगा, सिर्फ कॉल जाएगी। इसमें आईडेंटिटी नहीं मिलेगी। जानकारी के अनुसार इसे आगे और अपडेट किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले डीओआईटी ने क्यूआर कोड वाला इम्यूनोबैंड भी शुरू किया था। हाथ पर बंधने वाले इस रिस्ट बैंड को स्कैन करने से कोविड वैक्सीनेशन की जानकारी मिलती है।

इसके खास फायदे

गलत पार्किंग में खड़े वाहन के मालिक को कॉल कर सकेंगे।
एक्सीडेंट होने पर घायल का मोबाइल लॉक नहीं खुलता, इस दौरान कोई भी स्टिकर स्कैन करके परिजनों को सूचना दे सकेगा।
बच्चे के बैग पर चिपकाया जा सकेगा, ताकि परेशानी में कोई भी सूचना दे सके।

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