राजस्थान में यहां 2 रुपए किलो मिल रहे मिर्च-टमाटर - Khulasa Online राजस्थान में यहां 2 रुपए किलो मिल रहे मिर्च-टमाटर - Khulasa Online

राजस्थान में यहां 2 रुपए किलो मिल रहे मिर्च-टमाटर

राजस्थान में यहां 2 रुपए किलो मिल रहे मिर्च-टमाटर

खुलासा न्यूज़। राजस्थान में कुछ दिन पहले शादियों के सीजन में सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए थे, लेकिन अब ब्रेक लगते ही थोक सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम धड़ाम से गिर पड़े हैं। दौसा जिले की सब्जी मंडियों में आलम यह है कि जो सब्जी तीन-चार दिन पहले तक थोक में 30 से 40 रुपए प्रति किलो के भाव बिकी थी, वो अब 5 से 10 रुपए के दाम पर बेची जा रही हैं। टमाटर का हाल तो ऐसा है कि मात्र 2 रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है।
ऐसे में कुछ दिनों की रौनक के बाद सब्जी उत्पादक किसानों के चेहरों पर मायूसी नजर आ रही है। किसानों का कहना है कि इन दामों पर तो खेत से सब्जी को तोड़ कर मंडी तक लाने का भी खर्च नहीं निकल रहा है।

सब्जियों की एक साथ पैदावार बढ़ना भी कारण

लालसोट थोक फल सब्जी मंडी के अध्यक्ष शंभूलाल सैनी, पदम फड़कल्या, कमलेश सैनी, भागचंद सैनी समेत कई आढ़तियों ने बताया कि भावों में गिरावट के लिए शादियों के सीजन पर कुछ दिनों के विराम के अलावा गर्मी बढ़ने के साथ ही सब्जियों की एक साथ पैदावार बढ़ना भी कारण है। पैदावार बढ़ने का असर सभी मंडियों पर पड़ा है।

अब बाहर की मंडियों में नहीं जा रही सब्जी

पहले बाहर की मंडियों से भी डिमांड आ रही थी, जिसके चलते स्थानीय किसान सीधे ही माल भेज देते थे। अब बाहर की मंडियों में भी भरपूर आवक हो रही तो किसान मजबूर होकर स्थानीय मंडी में अपना माल लाने के लिए मजबूर हैं। वहीं किसानों ने बताया कि सब्जी को कच्ची चांदी कहा गया है, पेेड़ पर पकने पर इसे तोड़ना जरूरी हो जाता है। अब मंडी में किसी भी दाम पर नहीं बेचा गया तो शाम तक उनकी सब्जी किसी काम की नहीं रहेगी और जानवरों को खिलाना पड़ेगा। इससे बेहतर है कि कुछ भी दाम लगे, लेकिन उनकी सब्जी मंडी में बिक जाए।

टमाटर व मिर्च को नहीं मिल रहे खरीदार

थोक सब्जी मंडी में टमाटर की बंपर आवक होने के बाद दाम प्रति किलो 10 रुपए से घट कर मात्र 2 रुपए तक रह गए है। 25 किलो वजनी कैरेट के भाव आढ़त पर 50 रुपए तक बोले जा रहे हैं। इन भावों में भी मुश्किल से खरीदार मिल रहे हैं। यही हाल मिर्च का है, 25 रुपए बेची गई मिर्च अब घट कर 5 रुपए प्रति किलो रह गई है। मंडी में प्रतिदिन लगभग 100 थैली मिर्च बिकने पहुंच रहे हैं, लेकिन टमाटर की तरह मिर्च के लिए भी खेरुज विक्रेता कम रुचि दिखा रहे हैं।

 

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