प्रदेश की सात विधानसभाओं की जनता कल चुनेंगी अपना विधायक, पांच सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला; दो सीटों में भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर बुधवार को उपचुनाव होगा। सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी। सलूंबर,चौरासी, झुंझुनूं, रामगढ़, खींवसर, दौसा और देवली-उनियारा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। सातों सीटों पर हो रहे उपचुनाव सरकार और विपक्ष दोनों के सियासी नरेटिव को तय करेगा। उपचुनाव सियासी प्रशिक्षण के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए बेहद अहम है। इन चुनावों का सरकार का पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नेताओं की सियासी सेहत पर जरूर असर होगा। सीएम भजनलाल शर्मा की सियासी प्रतिष्ठा जुड़ी है। जिन सात सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास केवल सलूंबर सीट थी। बाकी 6 सीटों पर अन्य पार्टियों के उम्मीदवार जीते थे। इस उपचुनाव में बीजेपी एक से ज्यादा सीट जीतती है तो भी उसे फायदा होगा। इसे सरकार के काम पर जनता की मुहर के तौर पर पेश किया जाएगा।
जानें किस सीट पर कैसा रहेगा मुकाबला
झुंझुनूं सीट:- इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अमित ओला, भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र भांबू और निर्दलीय राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला है। अल्पसंख्यक वोटर यहां सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट होगा। निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा अल्पसंख्यक और राजपूत वोटर में सेंध लगाते दिख रहे हैं। गुढ़ा कितने अल्पसंख्यक वोट ले पाते हैं। इस सीट का नतीजा इससे तय होगा।
दौसा सीट:- कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। भाजपा को यहां भितरघात और नाराजगी का खतरा है। यहां भाजपा उम्मीदवार और मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा और कांग्रेस उम्मीदवार दीनदयाल बैरवा के बीच सीधा मुकाबला है। सवर्ण और दलित वोटर्स की लामबंदी यहां नतीजा तय करेगी।
रामगढ़ सीट:- कांग्रेस उम्मीदवार दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन खान और भाजपा उम्मीदवार सुखवंत सिंह के बीच कांटे का मुकाबला है। हरियाणा से सटी इस सीट पर धार्मिक गोलबंदी ही रिजल्ट तय करेगी। यहां अंदरुनी तौर पर बंटोगे तो कटोगे नारे से धार्मिक गोलबंदी का प्रयास किया गया है। यहां सहानुभूति फैक्टर और धार्मिक गोलबंदी के बीच रिजल्ट का फैसला होना है।
देवली सीट-उनियारा सीट:- इस सीट पर भाजपा से पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर, कांग्रेस उम्मीदवार केसी मीणा और निर्दलीय नरेश मीणा के बीच मुकाबला है। कांग्रेस के बागी नरेश मीणा कितने वोट ले पाते हैं, इससे यहां हार-जीत के समीकरण तय होंगे।
खींवसर सीट:- राजस्थान की हॉट सीट खींवसर में इस बार भी कांटे का मुकाबला है। आरएलपी से उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल, भाजपा उम्मीदवार रेवंतराम डांगा और कांग्रेस उम्मीदवार रतन चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां जातीय वोटों की गोलबंदी से समीकरण बदले हुए हैं।
सलूंबर सीट:- इस सीट पर कांग्रेस,भाजपा और बीएपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा से दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी, कांग्रेस से रेशमा मीणा और बीएपी से जितेश कटारा उम्मीदवार हैं। इस सीट पर भाजपा को सहानुभूति फैक्टर से उम्मीद है।
चौरासी सीट:- राजकुमार रोत के सांसद बनने से खाली हुई सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा और बीएपी ने नए चेहरों को उतारा है। यह सीट समीकरणों के हिसाब से कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए चुनौती बनी हुई है।