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पीबीएम की हिचकोले खाती सडक़ों पर दम तोड़ते मरीज, आखिर कब होगा समस्या का समाधान

बीकानेर। संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल पीबीएम जो संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल है जहां पर गंगानगर, चुरु, हनुमानगढ़ के मरीज बीकानेर में आते है लेकिन बीकानेर आते ही उनका सामना अस्पताल की टूटी सडक़ों का जहां ट्रोमा सेंटर से लेकर पीबीएम के मैन गेट तक पूरी सडक़ टूटी पड़ी है। सबसे बड़ी है यह है कि ट्रोमा सेंटर के सामने ही हार्ट अस्पताल है जहां पर रोजाना सैकड़ों मरीज सामने आते है लेकिन इस टूटी सडक़ों से हिचकोला खाती में जान तक चली जाती है। जबकि पीबीएम प्रशासन दिन रात इस इलाके से निकलते है लेकिन यह टूटी सडक़ें उनको दिखाई नहीं देती है। मजे की बात है मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिए 5 रुपये में मिलने वाला खाने की जगह इस स्थान पर है। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन ने कई बार अस्पताल का निरीक्षण कर चुके वो अपनी पूरी ताकत लगाकर पीबीएम अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में लगे है लेकिन पीबीएम प्रशासन इनका साथ नहीं दे रहे है जिससे इसकी व्यवस्था पूरी तरह से चौपट करने में लगे है। आखिर पीबीएम की टूटी सडक़े कब ठीक होगी जबकि दो महिने बाद गर्मी का मौसम आते ही बरसता का सीजन शुरु हो जायेगा और ट्रोमा सेंटर के आगे तीन फुट तक पानी भर जाता है जहां से मरीजों को निकलना मुश्किल है लेकिन आज तक पीबीएम या बीकानेर प्रशासन ने इस समस्या को दूर नहीं किया है।

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