
किसी को उधार देते वक्त कर ले सिर्फ ये काम, तो कभी नहीं डूबेगा पैसा






नई दिल्ली। कोई आपसे पैसा उधार मांग रहा है। यह अच्छी बात है कि आप उस पर विश्वास करके पैसा दे लेकिन यदि वो पैसा ना लौटाए तो क्या? यदि आप सिर्फ एक चीज का ध्यान रखेंगे तो खुद चलकर पैसा देने आएगा। लेकिन उससे भी बड़ी दिक्कत यह होती है कि हमारी मेहनत का पैसा हमेशा के लिए डूब जाता है. यकीकन ऐसा आपके साथ भी कभी ना कभी हुआ ही होगा कि आपने जिसे पैसे कुछ वक्त के लिए मदद के तौर पर दिए होंगे उसने वो पैसा आज तक आपको नहीं लौटाया होगा और आखिरकार बोल-बोल कर आप खुद थक गए होंगे और ऐसे में शायद उम्मीद भी छोड़ ही बैठे होंगे कि पैसा अब नहीं मिलेगा। क्योंकि पैसे देते वक्त आपने ऐसा कुछ भी नहीं किया था जिसके आधार पर आप इसकी शिकायत कर पाए या सामने वाला खुद मजबूर रहे है कि तय समय में उसे पैसे वापस करना है।
होता यह है कि इसके लिए एक कानूनी कागज बनता है जो छोटे से लेकर बड़े लेनदेन भी एक लीगल दस्तावेज के तौर पर काम आ सकता है लेकिन जानकारी के अभाव में कई लोगों को इसका पता ही नहीं रहता। इसे प्रॉमिसरी नोट कहते है। यह एक ऐसे दस्तावेज के तौर पर होता है जिसे यदि आप पैसा देने के पहले सामने वाले से भरवा ले तो कानूनन तौर पर पैसा वापस करने का दबाव रहता है।
आप खुद बना सकते है प्रॉमिसरी नोट
प्रॉमिसरी नोट बनाने के लिए आपको किसी वकील या नोटरी करने वालों के चक्कर नहीं काटने होंगे, इसे आप घर में ही बना सकते है. इसके लिए बस आपको एक रुपये वाले रेवेन्यू स्टाम्प की जरूरत होगी. जिसमें आप जिसे पैसा दे रहे है उसकी तरफ से यह लिखवाते है कि वो यह वादा करता है कि उसने जो आपसे पैसे लिए है उसे इस तारिख में यदि कैश देने का वादा हो तो उसका जिक्र और यदि चैक दे रहा हो तो उसका नंबर लिखना होता है। इसमें पैसा लेने वाले की साइन रेवेन्यू स्टाम्प के ऊपर होते है. दिनांक स्थान और उस व्यक्ति का पूरा पता रहता है।
यह नोट अनकंडीशन होना चाहिए जिसका मतलब है कि इसमें सीधे-सीधे लिखा जाना चाहिए कि पैसा कब वापस किया जाएगा। ऐसा ना हो कि यह लिखा जाए कि यदि फला जगह से पैसा मिलेगा तो दूंगा, या फिर फला व्यक्ति मुझे देगा तो मैं वापस कर दूंगा जैसी कोई भी शर्त नहीं लिखी होनी चाहिए। इसे कोई कंपनी जारी नहीं कर सकती। यदि ब्याज पर पैसा लिया जा सकता है तो वह भी साफ लिखा होना चाहिए। साथ यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि बिना स्टेम्प के इसकी कोई वैल्यू नहीं है. जो पैसा उधार दे रहा है उसकी साइन करने की जरूरी नहीं होती।
बड़ा सवाल यह कि इस नोट के बाद भी कोई आपका पैसा ना दे तब क्या ? तो ऐसी स्थिति में आप उस व्यक्ति के खिलाफ लीगल केस कर सकते है. इसकी समय सीमा तय होती है तीन साल. यदि तीन साल के अंदर आप केस कर सकते है जिस तारिख को उसने पैसा देने के कहा था और नहीं दिया. यह लिमिटेशन एक्ट के अंदर कानून के दायरे में आता है।


