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आबकारी नीति में अब यह हुआ संशोधन

जयपुर। राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति में फिर संशोधन किया है। ई-नीलामी के लिए आवेदकों की कमी को देखते हुए अग्रिम वार्षिक गारंटी राशि में राहत दी है। इस संबंध में वित्त शासन सचिव टी.रविकांत ने रविवार को संशोधन आदेश जारी कर दिए है। संशोधनों के मुताबिक अग्रिम वार्षिक गारंटी राशि 8 से 5 प्रतिशत की गई है। धरोहर राशि 4 से घटाकर 2 प्रतिशत की गई है। आवेदक को कुल वार्षिक राशि के 12 प्रतिशत के स्थान 7 प्रतिशत ही वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में जमा कराने होंगे। बोली दाता को कम्पोजिट राशि एक मुश्त जमा कराने की बजाय दो किस्तों में पचास-पचास प्रतिशत जमा करानी होगी।
इसी प्रकार लाइसेंसधारी को न्यूनतम रिजर्व प्राईस से अधिक प्राप्त होने वाली राशि में इच्छानुसार भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बीयर और देशी मदिरा से पूर्ति की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके अलावा अनुज्ञाधारी को यह भी विकल्प दिया गया है कि उसके द्वारा अधिक राशि की गारंटी पूर्ति नकद जमा करा सकेंगे। लाइसेंसी नीलामी में बढी हुई राशि अब अपनी मांग अनुसार मदिरा या नकद जमा कराकर गारंटी पूर्ति कर सकें। विदेशी मदिरा ब्राण्डस का भी भराव वार्षिक गारण्टी राशि में समायोजित किया जावेगा।
पांच चरणों में होगी निलामी
राजस्थान में ई-नीलामी के जरिए 7665 मदिरा दुकानों की बोली 3 मार्च से 10 मार्च तक पांच चरणों में आयोजित की जाएगी। आवेदक बोली तारीख से एक दिन पहले तक रात्रि 11.59 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। उक्त निलामी भारत सरकार के उपक्रम MSTC के माध्यम की जा रही है।

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