अब स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के लिए लेनी होगी कलक्टर की अनुमति - Khulasa Online अब स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के लिए लेनी होगी कलक्टर की अनुमति - Khulasa Online

अब स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के लिए लेनी होगी कलक्टर की अनुमति

कोटा। राज्य के तीसरे बड़े कोटा शहर स्वैच्छिक रक्तदान में अव्वल है, लेकिन अब राज्य सरकार के नए नियमों के चलते स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में पादर्शिता आएगी। शहर में जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ व अन्य आयोजनों पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने के लिए आयोजकों को अब दस दिन पहले जिला कलक्टर से अनुमति लेनी होगी। वहां से सूचना सहायक औषधि नियंत्रक के पास पहुंचेगी। औषधि नियंत्रक के आयोजन स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की उपयुक्त रिपोर्ट देने पर ही शिविर आयोजित हो सकेंगे। निरीक्षण में यदि खामियां मिलती हैं तो एनवक्त पर चलने वाले शिविर बंद भी हो सकते हैं।
यह देनी होगी सूचना
राज्य सरकार के नए नियमों के अनुसार अब ब्लड बैंकों के शिविरों में लगने वाले स्टाफ, डॉक्टर, सामान की सूची की सूचना पूर्व में मुहैया करवानी पड़ेगी। साथ ही रक्तदान शिविरों के दौरान डॉक्टर की उपस्थित अनिवार्य होगी। आयोजकों को शिविर से पहले चिकित्सक, टेक्निशियन के नाम-पते व मोबाइल नम्बर, अंत में कुल यूनिट, किस गु्रप का कितना ब्लड एकत्रित हुआ। इस सबकी भी सूचना देनी होगी।
पहले यह होता था
पहले कोई भी आयोजक कहीं पर भी शिविर लगा लेता था। कई बार बीच सड़क पर टेंट लगाकर शिविर लगा लेते थे। ऐसे में रास्ता अवरुद्ध होने से आमजन को परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उपयुक्त जगह पर ही शिविर लगेंगे।
जिला प्रशासन से लेनी होगी अनुमति
सरकार ने आदेश जारी किए है कि दस दिन पहले आयोजकों को जिला कलक्टर से स्वैच्छित शिविर लगाने की अनुमति लेनी होगी। सहायक औषधि नियंत्रक अधिकारी उस जगह का निरीक्षण करेगा। यदि कोई एनवक्त पर शिविर लगाना चाहता है तो उसे मोबाइल वैन के माध्यम से करवा सकते हैं। उसकी भी अनुमति ले सकता है। इससे शिविरों की पारदर्शिता रहेगी। बाद में इनका डेटा ऑनलाइन अपडेट होगा।
कोटा। राज्य के तीसरे बड़े कोटा शहर स्वैच्छिक रक्तदान में अव्वल है, लेकिन अब राज्य सरकार के नए नियमों के चलते स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में पादर्शिता आएगी। शहर में जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ व अन्य आयोजनों पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने के लिए आयोजकों को अब दस दिन पहले जिला कलक्टर से अनुमति लेनी होगी। वहां से सूचना सहायक औषधि नियंत्रक के पास पहुंचेगी। औषधि नियंत्रक के आयोजन स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की उपयुक्त रिपोर्ट देने पर ही शिविर आयोजित हो सकेंगे। निरीक्षण में यदि खामियां मिलती हैं तो एनवक्त पर चलने वाले शिविर बंद भी हो सकते हैं।
यह देनी होगी सूचना
राज्य सरकार के नए नियमों के अनुसार अब ब्लड बैंकों के शिविरों में लगने वाले स्टाफ, डॉक्टर, सामान की सूची की सूचना पूर्व में मुहैया करवानी पड़ेगी। साथ ही रक्तदान शिविरों के दौरान डॉक्टर की उपस्थित अनिवार्य होगी। आयोजकों को शिविर से पहले चिकित्सक, टेक्निशियन के नाम-पते व मोबाइल नम्बर, अंत में कुल यूनिट, किस गु्रप का कितना ब्लड एकत्रित हुआ। इस सबकी भी सूचना देनी होगी।
पहले यह होता था
पहले कोई भी आयोजक कहीं पर भी शिविर लगा लेता था। कई बार बीच सड़क पर टेंट लगाकर शिविर लगा लेते थे। ऐसे में रास्ता अवरुद्ध होने से आमजन को परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उपयुक्त जगह पर ही शिविर लगेंगे।
जिला प्रशासन से लेनी होगी अनुमति
सरकार ने आदेश जारी किए है कि दस दिन पहले आयोजकों को जिला कलक्टर से स्वैच्छित शिविर लगाने की अनुमति लेनी होगी। सहायक औषधि नियंत्रक अधिकारी उस जगह का निरीक्षण करेगा। यदि कोई एनवक्त पर शिविर लगाना चाहता है तो उसे मोबाइल वैन के माध्यम से करवा सकते हैं। उसकी भी अनुमति ले सकता है। इससे शिविरों की पारदर्शिता रहेगी। बाद में इनका डेटा ऑनलाइन अपडेट होगा।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26