
अब नसीबों की मधुशाला पर ताला,बोली में धनाढ्यों का ही रहेगा बोलबाला






खुलासा न्यूज,बीकानेर। मधुशाला से कमाई का मोह पाले बैठे लाखों लोगों के अरमानों पर नई आबकारी नीति ने पानी फेर दिया है। मदिरा दुकान आवंटन अब नसीबों का खेल नहीं रह गया है। इस बार ऑनलाइन नीलामी से दुकानों का आवंटन होगा। ऐसे में आम आदमी अब इसमें भाग्य नहीं आजमा सकेगा। वजह, भारी-भरकम बोली लगने की संभावना के चलते आम आदमी इससे हाथ खींचते नजर आ रहा है। अब तक कुछ लोग कम पूंजी लगाकर लॉटरी के माध्यम से अधिक मुनाफा कमाने में कामयाब हो रहे थे, लेकिन नई नीति ने उनके सपनों पर वज्रपात कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार को राजस्व के रूप मेे सबसे ज्यादा कमाई आबकारी विभाग से होती है। इसकी खास वजह यह है कि हर साल मधुशाला के मतवालों की तादाद में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में सरकार भी इसके जरिए होने वाले राजस्व को लेकर हर हथकंडा अपनाती नजर आ रही है। अब तक लोग लॉटरी के माध्यम से भाग्य आजमाकर इस कारोबार से धन कमाने की चाह में फॉर्म भरते थे। यह लॉटरी उनके नसीब खोलने वाली होती थी। वजह जिस व्यक्ति के नाम लॉटरी निकलती थी, वह यदि दुकान चलाने में खुद सक्षम और माहिर नहीं हो तो वह अन्य किसी व्यक्ति को अपने अनुज्ञा पत्र पर दुकान चलाने को दे देता था, इससे उसे मोटी कमाई होती थी, लेकिन अब नसीबों के इस खेल पर नई नीति ने ताला लगा दिया है। इस नीति से तय है कि अमीर लोग ही बोली लगाकर इस धंधे से जुड़ सकेंगे। आम आदमी इससे दूरी ही बनाएगा।
यह रखे हैं नई नीति में प्रावधान
-नई नीति में आबकारी विभाग ने प्रदेश भर के लिए वर्ष 2021-22 में अनुमाति राशि 13 हजार करोड़ रुपए रखी है।
-नई नीति में दुकान वार ऑनलाइन नीलामी के जरिए अधिकतम बोली के आधार पर दुकान आवंटित होगी।
-मंदिरा की सभी दुकानों कम्पोजिट श्रेणी की होंगी। यानि हर दुकान पर देशी और अंग्रेजी शराब मिलेगी।
-इस बार दुकानों की संख्या में इजाफा नहीं किया गया है।
-जिले में अधिकतम दो तथा राज्य में पांच से ज्यादा का आवंटन एक व्यक्ति को नहीं होगा।
-बीयर पर अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी में 10 प्रतिशत की कमी।
-देशी मदिरा की अधिकतम खुदरा मूल्य में काई वृद्धि नहीं। बीयर की एमआरपी में 30 से 35 रुपए की कमी।
– रिटेल दुकानों पर पीओएस मशीन एवं बिलिंग को अनिवार्य रूप से लागू गया है।


