
चाचा को अंतिम सांस तक जेल: भतीजी से रेप कर गला घोंटकर मार डाला था, छिपा दी थी लाश






जयपुर में रेप के बाद 7 साल की बच्ची की हत्या मामले में आरोपी चाचा को शुक्रवार को पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई। रेपिस्ट चाचा को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) की सजा दी गई है। विश्वकर्मा थाना पुलिस की ओर से गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ 20 दिन में कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी।
डीसीपी (वेस्ट) ऋचा तोमर ने बताया कि विश्वकर्मा थाने में 23 दिसम्बर 2020 को नाबालिग बालिका का रेप और मर्डर का प्रकरण दर्ज हुआ था। घटना वाले दिन बच्ची घर में अकेली थी। इस दौरान 45 साल के चाचा ने रेप किया। दरिंदगी करने के बाद गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी। उसके बाद शव को घर में ही कट्टों से छिपा दिया था। माता-पिता घर पहुंचे तो बेटी नहीं मिली। तलाश की तो शव कट्टों से ढका पड़ा मिला। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। चाचा घर से गायब था। इसलिए पुलिस का शक चाचा पर गया। गिरफ्तार किया तो उसने अपना गुनाह कबूल लिया।
विश्वकर्मा थाने के एसएचओ रमेश सैनी ने बताया कि घटना के 20 दिन में बाद ही 450 पेज की चार्जशीट पेश की गई। 35 गवाहों के कोर्ट में जल्द से जल्द बयान किए गए। कोर्ट का मानना है कि रिश्तों की कदर नहीं करने वाले ऐसे अपराधी को समाज में रहने का कोई हक नहीं है।
ऑफिसर्स स्कीम में लिया गया केस
चार्जशीट पेश करने के बाद प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम के तहत लिया गया। केस ऑफिसर स्कीम के तहत नियत तिथि पर गवाहों को कोर्ट में सबूत के तहत पहुंचाया। ज्यादातर गवाह मंदसौर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। जिनको मध्य प्रदेश से बुलाकर गवाही दिलवाई गयी। कोर्ट की ओर से कम समय में प्रकरण में मुल्जिम को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) की सजा से दण्डित किए जाने का फैसला सुनाया।


