जूनागढ़ में सोने के बिस्किट मामले में नया खुलासा, कहा FIR कराने वाला संजय सिंह हमारा ट्रस्टी नहीं, दो धातू मिले थे, हमारे पास सुरक्षित - Khulasa Online जूनागढ़ में सोने के बिस्किट मामले में नया खुलासा, कहा FIR कराने वाला संजय सिंह हमारा ट्रस्टी नहीं, दो धातू मिले थे, हमारे पास सुरक्षित - Khulasa Online

जूनागढ़ में सोने के बिस्किट मामले में नया खुलासा, कहा FIR कराने वाला संजय सिंह हमारा ट्रस्टी नहीं, दो धातू मिले थे, हमारे पास सुरक्षित

जूनागढ़ में सोने के बिस्किट मामले में नया खुलासा, कहा FIR कराने वाला संजय सिंह हमारा ट्रस्टी नहीं, दो धातू मिले थे, हमारे पास सुरक्षित

बीकानेर।  बीकानेर के जूनागढ़ की खाई में सफाई के दौरान सोने के बिस्किट्स मिलने के मामले में नया खुलासा हो गया है। राय सिंह ट्रस्ट ने कहा है कि सफाई के दौरान दो धातू मिले थे, जिसे सुरक्षित रखा गया है और आंतरिक जांच की जा रही है। वहीं आरोप लगाया है कि जिस शख्स ने एफआईआर दर्ज कराते हुए स्वयं को रायसिंह ट्रस्ट का ट्रस्टी बताया है, वो गलत है। इस घटनाक्रम को लेकर ट्रस्ट ने पुलिस महानिरीक्षक को भी एक पत्र दिया है।

महाराजा राय सिंह ट्रस्ट के ट्रस्टी हनुवंत सिंह ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा है कि जूनागढ़ की खाई की दीवार की मरम्मत व सफाई काम चलता रहता है। अभी हाल ही में मरम्मत व सफाई के दौरान मजदूरों को खाई में दो पीले रंग की धातु के बिस्किटनुमा वस्तु महाराजा राय सिंहजी ट्रस्ट की खाई में मिली थी। इस संदर्भ में आंतरिक जांच चल रही है। इस बारे में पुलिस महानिरीक्षक को भी एक पत्र लिखा गया है।

ट्रस्टी हनुवंत सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि जब मामला ट्रस्ट की सुपरवाइजर को पता चला तो उन्होंने मजदूरों से इस संबंध में बातचीत की। तब पता चला कि तीन मजदूर इसमें लिप्प है। पूछताछ करने के बाद मजदूरों ने बताया कि धातु जैसे दो बिस्किटनुमा वस्तु मिली है। ये दोनों पीले रंग की धातु के बिस्किटनुमा सामान सुपरवाइजर के सामने कार्यवाहक फोर्ट इंचार्ज को सौंप दिए गए। इस मामले में आंतरिक जांच की गई कि खाई में कुछ और वस्तुएं तो नहीं है। अब तक की ट्रस्ट की जांच में और सामान मिलने की उम्मीद नहीं है। सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है कि आगे क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।

संजय सिंह कौन ?

इस मामले में संजय सिंह नामक शख्स ने सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उसने स्वयं को रायसिंह ट्रस्ट का ट्रस्टी बताते हुए एफआईआर करवाई है। ट्रस्टी हनुवंत सिंह का दावा है कि ऐसा कोई व्यक्ति उनका ट्रस्टी नहीं है।

 

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