राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त, कलेक्टर को जारी किया समन - Khulasa Online राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त, कलेक्टर को जारी किया समन - Khulasa Online

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त, कलेक्टर को जारी किया समन

फाईकर्मीयों को बिना सुरक्षा उपकरण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का जिला कलेक्टर को व्यक्तिगत उपस्थित का समन

बीकानेर। सफाईकर्मीयों को बिना सुरक्षा उपकरण सीवर चैंबर में उतारने के मामले मे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्ती बरतते हुए बीकानेर जिला कलेक्टर को सशर्त व्यक्तिगत उपस्थित का समन जारी किया है। आयोग ने जिला कलेक्टर को समन जारी करते हुए 30 सितम्बर 2021 तक आयोग के समक्ष उपस्थित होने व मामले मे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया हैं। मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जुलाई 2020 से सुनवाई कर रहा हैं। आयोग ने जिला कलेक्टर बीकानेर को अतिरिक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी पुर्व मेें जारी किया था जिस पर संबंधित प्राधिकरण से कोई और रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई थी। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के लाॅ के छात्र अमन खान की याचिका पर आयोग ने सुनवाई करते हुए प्रारम्भिक कार्यवाई के तौर पर कलेक्टर को नोटिस भेजकर नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। मामले में लाॅ के छात्र की शिकायत पर एनएचआरसी कड़ा रुख अपनाते हुए चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को अलग-अलग नोटिस भी जारी कर चुका हैं। पहला मामला नगर निगम द्वारा सफाई कर्मी को बिना सुरक्षा उपकरण सीवर चैंबर में उतारने व दूसरा मामला गंगाशहर इलाके का था जहां 10 सितंबर को सीवर चैंबर के अन्दर सफाई कर्मी को बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के उतारने के दौरान दम घुटने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी। आयोग ने पूर्व में अंतिम नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी थी अगर सबंधित विभाग जवाब देने में विफल होता हैं तो इसके बाद आयोग मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 13 के तहत् सीधी कार्रवाई करने का अधिकार रखता हैं तथा व्यक्तिगत उपस्थितका समन भी भेज सकता है। “आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हूए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13 के तहत जिला मजिस्ट्रेट, बीकानेर को व्यक्तिगत उपस्थित का समन जारी किया हैं। आयोग ने प्रारम्भिक कार्यवाई का दौरान जिला कलेक्टर को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर 4 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी। जिसपर निगम ने दूषित अनुसंधान कर रिपोर्ट सौंपी थी। सफाईकर्मी को नंगे बदन सीवर या नाले में उतारना मैनुअल स्केवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के विरुद्ध और पूर्ण रूप से निषेध है”

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