मुख्यमंत्री गहलोत का आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल बदल जाएगा, रामलाल, ओला, पारीक, लोढ़ा मंत्री बन सकते है? - Khulasa Online मुख्यमंत्री गहलोत का आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल बदल जाएगा, रामलाल, ओला, पारीक, लोढ़ा मंत्री बन सकते है? - Khulasa Online

मुख्यमंत्री गहलोत का आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल बदल जाएगा, रामलाल, ओला, पारीक, लोढ़ा मंत्री बन सकते है?

जयपुर। कांग्रेस हाईकमान ने गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल फेरबदल को मंजूरी देते हुए फॉर्मूला तय कर दिया है। फेरबदल में 2023 के चुनावी फायदे को ध्यान में रखने का कहा गया है। इस फॉर्मूले के बाद गहलोत मंत्रिमंडल आधा बदल जाएगा। तीन मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर हो चुके हैं।
आज शाम तक कुछ और इस्तीफे होंगे। मंत्रिमंडल में 12 जगह खाली हो चुकी है। रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में 10 से 12 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। मंत्री बनने के लिए दावेदारों की लंबी कतार है। 12 पदों के लिए चार गुना नेता मैदान में हैं। हटने वाले मंत्रियों की जगह उन्हीं की जाति के नेताओं को मंत्री बनाने की ज्यादा संभावना है।
नए मंत्रिमंडल का गणित
1. डोटासरा और हरीश की जगह जाट और रघु की जगह ब्राह्मण चेहरे को ही मौका
गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। दो जाट और एक ब्राह्मण चेहरे को मौका मिलेगा। डोटासरा और हरीश चौधरी की जगह जाट चेहरों के तौर पर रामलाल जाट, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, नरेंद्र बुडानिया के नाम चर्चा में हैं। निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला का नाम भी दावेदारों में है। रघु शर्मा की जगह राजेंद्र पारीक, महेश जोशी, राजुकमार शर्मा दावेदार हैं। हेमाराम, रामलाल जाट और ओला पहले भी गहलोत के साथ मंत्री रह चुके हैं। महेश जोशी गहलोत के शुरू से ही बहुत नजदीक माने जाते हैं और अभी सरकारी मुख्य सचेतक हैं।
2. बसपा से कांग्रेस में आने वालों में गुढ़ा प्रमुख दावेदार, निर्दलीयों में खंडेला
बसपा से कांग्रेस में आने वालों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा का नाम प्रमुख हैं। बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायक ही दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन बाकी पांच को संसदीय सचिव बनाकर या राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जा सकता है। निर्दलीयों में महादेव सिंह खंडेला और संयम लोढ़ा के नाम चर्चा में हैं। बताया जाता है कि सीएम ने महादेव सिंह खंडेला की पैरवी की है।
3. मास्टर भंवरलाल की जगह दलित वर्ग से मंजू मेघवाल, गोविंद, खिलाड़ी, अशोक बैरवा दावेदार
मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद गहलोत सरकार में कोई दलित कैबिनेट मंत्री नहीं है। मास्टर भंवरलाल मेघवाल की जगह मंजू मेघवाल को मंत्री बनाया जा सकता है। दलित वर्ग से खिलाड़ी लाल बैरवा, परसराम मोरदिया, अशोक बैरवा, गोविंद मेघवाल भी दावेदार हैं। अशोक बैरवा ​गहलोत के पिछले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। गोविंद मेघवाल वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रह चुके हैं, बाद में वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए।
4. आदिवासी क्षेत्र से मालवीय, परमार दावेदार
आदिवासी चेहरों के तौर पर दयाराम परमार, महेंद्रजीत मालवीय के नाम दावेदारों में हैं। मालवीय पहले भी मंत्री रह चुके हैं। मालवीय की पत्नी जिला प्रमुख हैं।
5. अल्पसंख्यक वर्ग से जाहिदा, गुर्जर समाज से डॉ. जितेंद्र
अल्पसंख्यक वर्ग से अमीन खान, जाहिदा के नाम प्रमुख दावेदारों में हैं। गुर्जर चेहरों के तौर पर शकुंतला रावत, डॉ. जितेंद्र सिंह और राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के नाम चर्चा में हैं। कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिहाज से गुर्जर चेहरों को मौका मिलने की पूरी संभावना है। नहरी क्षेत्र से गुरमीत सिंह कुनर को मौका मिल सकता है। जाहिदा खान पहले संसदीय सचिव रह चुकी हैं। डॉ. जितेंद्र गहलोत के पिछले कार्यकाल में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं।
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6. पायलट कैंप से करीब 4 से 5 मंत्री बनने की संभावना
सचिन पायलट कैंप से करीब 4 से 5 मंत्री बनने की संभावना है। पायलट कैंप से मुरारीलाल मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा में से मंत्री बनने की संभावना है।
7. 13 जिलों से कोई मंत्री नहीं, इन जिलों से भी मंत्री बनेंगे
गहलोत सरकार में 13 जिलों से फिलहाल कोई मंत्री नहीं है। उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर और करौली जिलों से अभी एक भी मंत्री नहीं है। इन जिलों से मंत्रिमंडल में जगह दी जानी है।

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