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केंद्र के 21 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों ने किया डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र का उपयोग

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 21 लाख से अधिक पेंशन भोगियों ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) सुविधा का उपयोग किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिये डीएलसी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। डीओपीपीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा है कि सभी रजिस्टर्ड पेंशनभोगी संघों, पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना केंद्रों को विशेष शिविर लगाकर डीएलसी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया है।
21 लाख से अधिक केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों ने किया था उपयोग
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा फेस आथेंटिकेशन तकनीक का आरंभ किया गया था। विभाग ने कहा है कि 15 नवंबर तक 21.01 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों ने डीएलसी का सफलतापूर्वक उपयोग किया। इसमें 1.83 लाख डीएलसी फेस आथेंटिकेशन के माध्यम से बनाए गए थे। बायोमेट्रिक-सक्षम डिजिटल सेवा केंद्र या राज्य सरकारों या किसी अन्य सरकारी संगठन के पेंशनभोगियों को उनकी पेंशन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हर नवंबर में अपना भौतिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता को मुक्त करती है।
डीएलसी को बढ़ावा देने के लिए किया गया था राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरूआत
मालूम हो कि कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग (ष्ठह्रक्कक्कङ्ख) ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिये डीएलसी को बढ़ावा देने के वास्ते राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।
डीएलसी को बढ़ावा देने का दिया गया था निर्देश
डीओपीपीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, केंद्रीय मंत्रालयों और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना केंद्रों को विशेष शिविर लगाकर डीएलसी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया है।

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