15 साल की किशोरी से 9 दिन तक 18 से ज्यादा दरिंदों ने किया गैंगरेप , अब तक 4 नाबालिग समेत 20 पकड़े गए

15 साल की किशोरी से 9 दिन तक 18 से ज्यादा दरिंदों ने किया गैंगरेप , अब तक 4 नाबालिग समेत 20 पकड़े गए

कोटा। दहशत भरे नौ दिनों के बारे में बताते हुए पीडि़ता कई बार फफक पड़ी। घर, होटल, खेत, निर्माणाधीन मकान बने दहशत के अड्‌डे परिजन बोले- रिपोर्ट देने के लिए थाने गए, पुलिस ने भगा दिया दद.र्बेबसी.दहशत.हैवानियत और दरिंदगी की हदें पार करने वाली ये वारदात सिस्टम की खोखली परतों को भी उधेडऩे वाली है। कोटा की एक 15 साल की बच्ची को झालावाड़ ले जाकर 9 दिनों तक 18 से ज्यादा दरिंदों ने अनगिनत बार दुष्कर्म किया। जब वो दर्द से कराहती तो उसे नशा दे दिया जाता। नशे से मना करती तो बुरी तरह पीटा जाता। घर छोडऩे की मिन्नतें करती तो चाकू दिखाकर डराया धमकाया जाता। 25 फरवरी को पीडि़ता की पहचान की लडक़ी और उसका साथी बैग दिलाने के बहाने उसे कोटा के सुकेत से झालावाड़ ले गए। वहां उसे दरिंदों के हवाले कर दिया, जिन्होंने 9 दिनों तक घर, होटल, निर्माणाधीन मकान और खेत में उससे कई बार दुष्कर्म किया। 5 मार्च को वापस सुकेत छोड़ा। 6 मार्च को पीडि़ता ने विधवा मां के साथ जाकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीडि़ता के भाई का आरोप है कि हम गुमशुदगी रिपोर्ट लिखाने कई बार थाने गए, लेकिन पुलिस ने भगा दिया। मां बोली- ऐसे दरिंदों को फांसी होनी चाहिए। वहीं, अब तक 4 नाबालिग समेत 20 दरिंदे पकड़े जा चुके हैं। रामगंजमंडी के डीएसपी मंजीत सिंह ने कहा, देर रात तक या कल तक बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह बहुत घिनौना कृत्य है। भास्कर ने जानी पीडि़ता की जुबानी हैवानियत की पूरी कहानी- जब दर्द से चीखती थी तो नशा दे देते नशे से मना करती तो बेतहाशा पीटते थे, घर जाने की मिन्नतें करती तो चाकू दिखा डराते-धमकाते थे। 25 फरवरी को सुकेत की बुलबुल और चौथमल मुझे बैग दिलाने के बहाने झालावाड़ ले गए। वहां एक पार्क में कुछ लडक़े बैठे थे। उनका नाम मुझे बाद में पता चला। नब्बू, सोनू (नाबालिग का बदला नाम) और एक था, जिसे बुलबुल उस्ताद बुलाती थी। नब्बू स्कूटी से मुझे एक कमरे पर ले गया, रात का वक्त था। मोहल्ले वालों ने हंगामा कर दिया। इस पर नब्बू मुझे अकेला छोडक़र भाग गया, लोगों ने मुझे पकड़ लिया, पुलिस भी आ गई। पुलिस ने मेरा नाम-पता पूछकर भगा दिया। भागकर पार्क में आई तो वहां नब्बू, सोनू और साहिल फिर मिल गए। साहिल मुझे स्कूटी पर बैठाकर गागरोन ले गया, नब्बू और सोनू भी गागरोन आ गए। रात करीब 12 बजे फिर झालावाड़ ले आए और एक मोहल्ले में निर्माणाधीन मकान की दूसरी मंजिल पर नब्बू ने पूरी रात रेप किया। एक लडक़ा था, लंगड़ा टाइप, नाम नहीं जानती। वह मुझे एक होटल ले गया। वहां पूरी रात रेप किया। सुबह 6-7 बजे फिर साहिल मुझे मंडी चौराहे के पार्क में ले गया। जहां राजा से मिलाया। राजा ने छोटू को बुलाया। छोटू मोटरसाइिकल पर किसी होटल पर ले गया, जहां खूब सारे लडक़े बैठे थे, स्मैक-चिलम पी रहे थे। राजा ने शाहरूख से मिलवाया। वो होटल ले गया, लेकिन होटल वाले ने मेरी उम्र पूछ ली तो नाबालिग बताते ही भगा दिया। फिर शाहरूख और राजा अपने दोस्त के घर ले गए। दोनों ने वहां मेरे साथ गलत काम किया। वहां से साहिल और एक लडक़ा कार में गागरोन ले गए। यहां से साहिल अपने दोस्त के पास गया, जिसकी कार थी। वहां तीनों ने गलत काम किया। मना किया तो साहिल ने थप्पड़ मारे, नशा कराया। साहिल फिर उसी पार्क में ले आया। वहां बुलबुल और चौथमल भी थे। वहां से झालावाड़ लाकर मुझे चिंटू के हवाले कर दिया। बिट्‌टू और चिंटू ने पूरी रात मेरे साथ गलत काम किया। बिट्‌टू के जाने के बाद उसके दोनों सालों ने पूरी रात रेप किया। सुबह नाना नाम का लडक़ा ले गया। दिनभर गागरोन घुमाता रहा, फिर खेत में पूरी रात गलत काम किया। चाकू दिखाकर मुझे डराता-धमकाता रहा। सुबह नाना ने मुझे उसी पार्क में छोड़ दिया. वहां सोनू मिला। छोटू भी आ गया। उसके साथ एक और लडक़ा था, नाम याद नहीं है। छोटू के साथ आया वह लडक़ा मुझे लेकर चला गया। कोई कमरा था, वहां छोटू और उसके साथ आए लडक़े ने रेप किया। मकान मालिक आ गया, बोला- मैं भी गलत करूंगा। मैं चिल्लाई तो सभी को वहां से भगा दिया। पीडि़ता ने आगे बताया. छोटू के साथ वाला लडक़ा स्कूटी से पार्क में बैठाकर चला गया। जहां फद्दू मिला। सोनू का दोस्त डीके आ गया। डीके मुझे उसकी फुफो के यहां ले गया और पूरी रात दुष्कर्म किया। डीके सुबह वहां से निकालकर फिर से एक अनजान पार्क में ले गया। छोड़ा ही था कि सोनू आ गया। सोनू के साथ एक और था। आंख बंद करके मुझे कहीं ले गए, जहां सोनू ने रेप किया। तीन लडक़े और आ गए, सोनू ने इनके हवाले कर दिया। ये गागरोन ले गए, नशा किया। मुझे भी नशा कराया। गागरोन में बुलबुल, चौथमल और नाना आ गए… तीनों लडक़े इनको देखकर भाग गए। फिर ये लोग मुझे लेकर सुकेत ले आए। चौबीस घंटे तक तो मेरी हालत ऐसी थी कि मैं सोती रही, क्योंकि नशा था और करीब 9 दिन से ठीक से सोई भी नहीं थी। अगले दिन मैंने मां के साथ जाकर पुलिस को पूरी आपबीती बताई। पुलिस की कार्यशैली पर 3 बड़े सवाल पीडि़ता के भाई का आरोप है कि बच्ची गुम होने पर हम दो बार पुलिस के पास गए, लेकिन दोनों बार ही हमें भगा दिया गया। यदि उस वक्त पुलिस मामला दर्ज करके बच्ची को ढूंढ लेती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। झालावाड़ में मोहल्ले वालों के हंगामे के बाद पुलिस आई और लडक़ी को नाम-पते पूछकर जाने दिया। यदि तब पुलिस वाले जिम्मेदारी समझते और नाबालिग को सुरक्षित उसके घर पहुंचा देते तो बच्ची के साथ यह दरिंदगी नहीं होती। अब तक पुलिस इस मामले में उन होटल वालों, उन दोस्तों, उन रिश्तेदारों को नहीं पकड़ पाई है, जिनके यहां बच्ची से रेप होता रहा। पीडि़त के भाई के आरोपों को लेकर वृत्ताधिकारी रामगंजमंडी को जांच दी है, वह जांच करके रिपोर्ट देंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। बाकी पुलिस ने इसमें पूरी गंभीरता व तत्परता से काम किया है।

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