बीकानेर में मंथली के खेल के चक्कर में शराब ठेकेदारों ने जगह-जगह खोली अवैध ब्रांचें, खुलासा करेगा पर्दाफाश - Khulasa Online बीकानेर में मंथली के खेल के चक्कर में शराब ठेकेदारों ने जगह-जगह खोली अवैध ब्रांचें, खुलासा करेगा पर्दाफाश - Khulasa Online

बीकानेर में मंथली के खेल के चक्कर में शराब ठेकेदारों ने जगह-जगह खोली अवैध ब्रांचें, खुलासा करेगा पर्दाफाश

– कुशालसिंह मेड़तिया, संपादक, डेली खुलासा की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। जिले में आबकारी विभाग ही अवैध शराब बिकवा रहा है। विभागीय अधिकारियों की शह और मिलीभगत से शराब ठेकेदारों ने जगह-जगह शराब की अवैध ब्रांचें खोली हुई हैं। जहां से 24 घंटे शराब बेची जा रही है। वहीं, ठेकेदार गोदामों से भी शराब की अवैध बिक्री कर रहे हैं। खुलासा न्यूज द्वारा पड़ताल करने पर यह हकीकत सामने आई है। खुलासा न्यूज इन अवैध शराब की ब्रांचों का जल्द पर्दाफाश करेगा। अगर आपके पास भी ऐसी जानकारी है तो हमें बताइएं।

आबकारी विभाग की ओर से बीकानेर जिले में अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें आवंटित की हुई हैं। देसी तथा देसी/अंग्रेजी शराब की दुकानों के ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर अपने ठेका क्षेत्र की परिधि में जगह-जगह अवैध ब्रांचें खोली हुई हैं। इन ब्रांचों पर सुबह 10 बजे से पहले और रात 8 बजे बाद भी धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री हो रही है। वहीं, दुकानों के ठेकेदारों ने विभाग से माल रखने के लिए गोदाम पास कराए हुए हैं। ये ज्यादातर ठेकेदार इन गोदामों को दुकान की तरह से चला रहे हैं, जबकि नियमानुसार गोदाम से शराब की बिक्री करना वर्जित है। वैध की आड़ में अवैध काम कर रहे इन ठेकेदारों पर न तो आबकारी विभाग ही शिकंजा कस रहा है और न ही पुलिस।

 

ठेकों से भी रात 8 बजे बाद अवैध बिक्री
जिले में कई वैध शराब ठेकों से भी शराब की अवैध बिक्री हो रही है। दुकानों के अंदर रात में ठेकेदार के सेल्समैन रहते हैं, जो कि रात आठ बजे बाद शटर की नीचे या फिर बगल की दुकान से शराब बेचते हैं। इसके लिए सुराप्रेमियों से अतिरिक्त शुल्क भी लेते हैं। कोठारी हॉस्पीटल के पास, चूंगी चौकी, मुक्ताप्रसाद, जूनागढ़ के पीछे, जस्सूसर गेट, करमीसर रोड, नाल, सहित काफी ठेकों से रात आठ बजे बाद भी शराब बेची जा रही है।
इन ब्रांचों के बारे में आबकारी विभाग और पुलिस को बखूबी जानकारी है, लेकिन मंथली के खेल के चक्कर में इन्हें बंद नहीं कराया जा रहा है और न ही ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है।

दबाव आने पर छुटपुट कार्रवाई से इतिश्री
आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारों से मिलीभगत कर अवैध ब्रांचें चला रहे हैं। जब कार्रवाई का दबाव आता है तो ठेकेदारों से ही केस मांगते हैं। यानि कि ब्रांच चलाने वाले उनके एक सेल्समैन को गिरफ्तार कर थोड़ी बहुत शराब बरामद दिखा केस बना देते हैं। शराब की कम बरामदगी होने के कारण सेल्समैन की जमानत भी जल्दी हो जाती है।

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