नाइट कफ्र्यू और कंटेनमेंट को लेकर केंद्र की राज्यों दिये निर्देश, कब लगेगा नाइट कफ्र्यू? - Khulasa Online नाइट कफ्र्यू और कंटेनमेंट को लेकर केंद्र की राज्यों दिये निर्देश, कब लगेगा नाइट कफ्र्यू? - Khulasa Online

नाइट कफ्र्यू और कंटेनमेंट को लेकर केंद्र की राज्यों दिये निर्देश, कब लगेगा नाइट कफ्र्यू?

नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन के मामले 200 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने इसे केसेज बढऩे का शुरुआती संकेत मानते हुए राज्यों को गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि ओमिक्रॉन कोरोना के पुराने वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले 3 गुना तेजी से फैलता है, इसलिए राज्य जरूरी उपाय अपनाना शुरू कर दें।
समझते हैं, पूरी गाइडलाइन क्या है? कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए क्या नियम है? कब लगाया जा सकेगा नाइट कफ्र्यू? और अभी किन राज्यों में क्या नियम लागू हैं?
पहले गाइडलाइन समझते हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी जिले में पिछले एक हफ्ते से टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10त्न से ज्यादा है या ऑक्सीजन बेड की ऑक्यूपेंसी 40 प्रतिशत से ज्यादा है, तो जिले में पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। पाबंदियों में नाइट कफ्र्यू, टेस्टिंग और कंटेनमेंट जोन जैसे उपाय शामिल हैं। इसमें डेटा एनालिसिस पर जोर देते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अपनी सीमा में आने से पहले ही संक्रमण रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
क्या 10 से कम पॉजिटिविटी रेट होने पर भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं?
हां। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बाकी परिस्थितियों को देखते हुए 10त्न से कम पॉजिटिविटी रेट होने के बाद भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। जनसंख्या घनत्व और ओमिक्रॉन की तेज रफ्तार को ध्यान में रखकर भी फैसला लिया जा सकता है।
कंटेनमेंट को लेकर क्या गाइडलाइन जारी की गई है?
गाइडलाइन में नाइट कफ्र्यू, बड़े समारोहों पर रोक, विवाहों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या कम करने, ऑफिस और इंडस्ट्री में वर्कर की संख्या कम करने जैसे सुझाव दिए गए हैं। हॉस्पिटल में बेड, एंबुलेंस, ऑक्सीजन इक्विपमेंट और दवाओं के लिए इमरजेंसी फंड इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया गया है।
अगर किसी जगह पर एक साथ बड़ी संख्या में नए केसेज आ रहे हैं, तो सभी सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी भेजना होगा।
टेस्टिंग और सर्विलांस को लेकर जिलों से डोर-टु-डोर केस सर्च करने को कहा है। कोमोर्बिडिटी वाले लोगों के टेस्ट, सभी पॉजिटिव केसेज की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और डेली टेस्ट में क्रञ्ज-क्कष्टक्र टेस्ट बढ़ाए जाने को कहा है।
होम आइसोलेशन को लेकर भी सख्ती करने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले दिनों में इंफेक्टेड पर्सन दूसरों को इंफेक्ट न करें इसलिए जरूरी है कि होम आइसोलेशन को लेकर सख्ती की जाए।
जिलों को 100त्न वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने में तेजी लाने के लिए भी कहा गया है। जिन जिलों में वैक्सीनेशन नेशनल एवरेज से कम हुआ है वहां वैक्सीनेशन बढ़ाने को लेकर विशेष ध्यान दिया जाए।
केंद्र ने राज्यों को ये निर्देश क्यों दिए हैं?

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