महापौर-आयुक्त की लड़ाई में शहरवासी हो रहे परेशान, बिगड़ रही शहर की धरोहर व सौंदर्यकरण

महापौर-आयुक्त की लड़ाई में शहरवासी हो रहे परेशान, बिगड़ रही शहर की धरोहर व सौंदर्यकरण

बीकानेर. नगर निगम महापौर व आयुक्त की लड़ाई खत्म नहीं हो रही है, इनकी आपसी लड़ाई से शहरवासी परेशान व शहर को नुकसान हो रहा है। साथ ही बीकानेर की ऐतिहासिक धरोहर जूनागढ़ किले व सूरसागर का सौंदर्यकरण भी बिगड़ रहा है। मानसून की आई पहली बारिश ने निगम के दावों की पोल खोल कर रख दी है। बीकानेर नगर निगम ने जून महीने में ही नालों की सफाई का दावा किया था, लेकिन इसके विपरीत जुलाई के पहले सप्ताह की बारिश में ये नाले उफ ान पर है। अभी मानसून की एक बारिश हुई है जबकि छह व सात जुलाई को फिर से बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। रविवार की तरह ही बारिश हुई तो बड़ा नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। जो पूरे शहर की सफाई की जिम्मेदारी जिस कार्यालय पर वो खुद ही पानी में डूबा हुआ नजर आया। हालात इतने बदतर हो गए कि जूनागढ़ की दीवार भी टूट गई और सूरसागर में शहर का गंदा पानी चला गया। हालांकि पिछले साल भी मानसून की बारिश से जूनागढ़ की दीवार टूट गई थी तो सूरसागर की दीवार तोड़कर इसमें गंदा पानी जाने दिया। ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों व शहरवासियों में यह मैसेज अच्छा नहीं जाता है। जूनागढ़ की दीवार टूटने से इसकी भव्यता पर बट्टा लग जाता है और किले को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं बीकानेर के सौंदर्य को चारचांद लगाने वाल सूरसागर में पिछले कई महीनों से पानी नहीं था, लेकिन अब प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है कि इसमें साफ की बजाय अब गंदा पानी चला गया है। ऐसे में आने वाले समय में इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह गंदा पानी सिरदर्द साबित होगा और आस-पास बदबू फैलने लगेगी। जानकारों की मानें तो पुराने शहर का पानी इस क्षेत्र में आता है और इससे यहां के नाले ओवरफ्लो हो जाते और पानी बाहर आने लगता है। पुरानी गिन्नाणी, धोबीधोरा व हनुमानहत्था सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों को इस गंदे पानी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस क्षेत्र में बने कच्चे मकान खतरा साबित हो सकते है।

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