शहर की इन कॉलोनियों व मौहल्लों में बैखौफ मिल रहा है अवैध एमडी व स्मैक,दलदल में फंस रहे युवा
बीकानेर(शिव भादाणी)। तस्कर अब शहरों में भी घुस गए है और किराए के मकान लेते हुए काला करोबार चलाने लगे है। कुछ मामले जो पुलिस ने पकड़े है वे काफी चौंकाने वाले है। किराने की दुकानों तक में नशे की पुडिय़ा मिलने लगी है।
मादक पदार्थों का जहर युवाओं की नशों में फैल रहा है। बड़ी संख्या में युवा नशे की लत के शिकार हो रहे है। अब तो हालात ये हो रहे है कि नशा कॉलोनियों और मोहल्लों तक में आसानी से मिलने लगा है। तस्कर अब शहरों में भी घुस गए है और किराए के मकान लेते हुए काला करोबार चलाने लगे है। किराने की दुकानों तक में नशे की पुडिय़ा मिलने लगी है।
एमडी और स्मैक का काला कारोबार
युवाओं तक नशा पहुंचाने में तस्कर कई हथकंडे अपनाकर जाल में फांस रहे है। पढऩे की उम्र में युवा नशे के आदि होकर गलत राह पकड़ रहे है। तस्करों ने युवाओं को फांसने के लिए अब बीकानेर में भीतरी शहर तक अपनी पहुंच बना ली है। कॉलोनियों में किराए पर मकान लेकर मादक पदार्थों अफीम, डोडा, एमडी और स्मैक का काला कारोबार करना शुरू कर दिया है।
किरायेदार का सत्यापन कौन कराए ?
किरायेदार का सत्यापन नहीं होने का फायदा तस्कर उठा रहे है। आसानी से मकान मिल जाता है और पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होने से पता नहीं चलता है कि कोई व्यक्ति अपराधी है या नहीं। इसके चलते काला कारोबार के पैर शहरी इलाकों में जमने लगे है। बीकानेर शहर में कुछ ऐसे ही स्थिति है कि यहां पर किराएदार को रखने से पहले मकान मालिक उसका पुलिस सत्यापन नहीं करवाते है। उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक ने पिछले दिनों किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की बात कही थी। लेकिन अब तक उस पर अमल नहीं हुआ है।
इन कॉलोनियों व मौहल्लों में मिलता है नशा
मुरलीधर व्यास कॉलोनी, मुक्ता प्रसाद, भुट्टों का चौराहा, नत्थुसर गेट, करमीसर रोड, चुंगी नाका, जस्ससूर गेट, जयनारायण व्यास कॉलोनी, घड़सीसर रोड, सुजानदेसर सहित शहर के अंदर के कई ऐसे इलाके है जहां देर रात तक खुलने वाली दुकानों के आस पास तस्कर जेब में नशे की पुडिया लेकर बैठते है वो सीधे नशे बाजा को सौप देते है। ऐसे तस्कर पुलिस की पकड़ से दूर है।
देर रात को बेखौफ घुमती है बिना नंबर की गाडिय़ां
रात गहराने के साथ ही युवा पीढ़ी के लिए सवेरे होता है शहर के मोहता चौक, बारहगुवाड़ा, नत्थुसर गेट, गोकूल सर्किल सहित कई ऐसे इलाके है जो रात को खुलते है जहां युवा पीढ़ी रातभर बैठकर कई अपराधिक काम में लिप्त रहते है। रात होते ही शहर के अंदर बिना नंबर की कैंपर सहित कई ऐसी गाड़ी है जो रात को शहर के अंदर आती है और तस्करों व नशेबाजों को नशे की पुडिय़ा देकर चले जाते है।