होटल के कमरे में लगी आग, दो भाई जिंदा जले

होटल के कमरे में लगी आग, दो भाई जिंदा जले

सीकर की एक होटल के कमरे में आग लगने से दो मौसेरा भाइयों की मौत हो गई। सुबह कमरे में धुआं उठता देख वेटर ने होटल मालिका को बताया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। कमरे का दरवाजा खोला तो दोनों भाइयों के शव झुलस चुके थे।

घटना मंगलवार सुबह रींगस के भैरूजी मोड़ स्थित होटल मिलन एंड रेस्टोरेंट की है। होटल मिलन संचालक संचालक दशरथ पूनिया ने बताया कि सोमवार रात करीब 1 बजे राजेश(22) व दीपेंद्र(23)​​​​​​ होटल आए थे। दोनों नशे में धुत थे। नशे की हालत में देख कमरा देने से मना कर दिया। लेकिन, दोनों ने रिक्वेस्ट कर बताया कि वे रात में कहां जाएंगे। इस पर रूम दे दिया गया। दोनों युवक होटल काउंटर से पानी की बोतल, नमकीन पैकेट, सिगरेट पैकेट लिया, ओर खाने में दाल रोटी बनवाई थी। होटल वेटर पप्पूराम ने बताया कि दोनों की दाल व रोटी लेकर कमरे में गया था। गेट खटखटाने पर एक युवक ने गेट खोलकर खाना बाहर से ही ले लिया था।

वेटर पप्पू ने दी घटना की सूचना
दोनों भाई होटल के 103 कमरा नंबर में रुके थे। सुबह करीब 9 बजे वेटर पप्पूराम चाय देने गया तो कमरे से धुआं आ रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। सीकर से आई एमओवी टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए। टीम के एएसआई बलबीर व विजेंद्र टीम सहित मौके पर पहुंचे। कमरे में पड़ी शराब की बोतल, शराब से भरा हुआ गिलास, सिगरेट पैकेट आदि की एफएसएल जांच की। प्रारंभिक तौर पर सामने आया कि सिगरेट की वजह से गद्दा जल गया। इसके बाद आग पकड़ ली और दोनों भाई झुलस गए।

युवक पार्टी के नाम होटल में मांग रहे थे रूम
इससे पहले दोनों भाई एक दूसरी होटल पर गए थे। होटल अर्जुन पैलेस के संचालक विकास चौधरी ने बताया कि शाम करीब 7 बजे दोनों युवक उसके पास होटल में रूम लेने आए थे और नशे में बात कर रहे थे। उसने रूम देने से इनकार किया तो ज्यादा रुपए देने का लालच दिया। लेकिन, दोनों को वहां से रवाना कर दिया। पंचायत समिति पलसाना उपप्रधान पूरण सिंह शेखावत ने बताया कि राजेश सिंह दिल्ली रहता था। सोमवार काे राजेश ने दीपेंद्र सिंह के पिता श्रवण सिंह को फोन करके बताया कि दिल्ली से कपड़ा व्यापारी आने वाले है। दीपेंद्र को सीकर में मिलने के लिए भेज दो। राजेश ने अपने आप को दिल्ली होना बताया। दोनों मृतक अविवाहित थे। मृतक राजेश सिंह दिल्ली से कपड़े लाकर जिले में अनेक स्थानों पर सप्लाई करता था। पिता महावीर सिंह निजी वाहन चलाकर व खेतीबाड़ी करते है। वहीं मृतक दीपेंद्र सिंह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। पिता श्रवण सिंह रोडवेज में ड्राइवर है।

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