विवाह की खुशियां मातम में बदली, चार दिन पहले सड़क हादसे में घायल युवक की मौत - Khulasa Online विवाह की खुशियां मातम में बदली, चार दिन पहले सड़क हादसे में घायल युवक की मौत - Khulasa Online

विवाह की खुशियां मातम में बदली, चार दिन पहले सड़क हादसे में घायल युवक की मौत

विवाह की खुशियां मातम में बदली, चार दिन पहले सड़क हादसे में घायल युवक की मौत

बीकानेर में श्रीडूंगरगढ़ के एक गांव में कल तक मंगल गीत गूंज रहे थे, खुशियां सातवें आसमान पर थी। छोटे-बड़े सब हंसी खुशी बेटे के विवाह में जुटे थे। इस बीच कुछ परिजन चार दिन पहले घायल लड़के की चिंता में भी डूबे थे। बुधवार रात विवाह संपन्न हुआ और गुरुवार सुबह घायल ने दम तोड़ दिया। खुशिया पूरी तरह मातम में तब्दील हो गई। घटना श्रीडूंगरगढ़ के इंदपालसर सांखलना गांव की है।

रविवार यानी 14 अप्रैल की रात करीब 9.15 बजे श्रीडूंगरगढ़ घुमचक्कर पर एक कार डिवाईडर से टकरा कर पलट गई। इस दुर्घटना में कार सवार दो युवक घायल हुए थे। जिसमें से एक गाड़ी के कांच को तोड़ते हुए बाहर आ गिरा। 25 साल का राजू पुत्र मेघाराम सहू निवासी इंदपालसर सांखलान को उसी रात पीबीएम ले जाया गया। युवक ने तीन दिन मौत से संघर्ष किया व देर रात दम तोड़ दिया। सुबह शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

मृतक के परिवार में ही चाचा के लड़के का विवाह बुधवार रात हुआ और आज सुबह जब परिजनों को राजू की मौत की सूचना मिली तो देखते ही देखते जिस घर में विवाह के मंगल गीत गूंज रहें थे वहां मातम पसर गया है।

मां-बाप का इकलौता बेटा था

क्षेत्र के गांव इंदपालसर सांखलान निवासी 25 वर्षीय राजू सहू पुत्र मेघाराम सहू की बुधवार रात पीबीएम ट्रोमा के आईसीयू में मौत हो गई। दो बड़ी बहनों का लाडला भाई राजू गांव बिग्गा में जाखड़ परिवार का भाणजा था। दोनों गांवो के परिवारों में मातम छा गया है। अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु से मेघाराम सहू व उनकी पत्नी तो सुध-बुध भूल गए है।

काश! सीट बेल्ट पहना होता

युवक राजू कार में साइड की फ्रंट सीट पर ही बैठा था। चालक भी उसी गांव था। युवक सीट बेल्ट नहीं होने के कारण सिर में गंभीर चोट का शिकार हो गया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने परिजनों को 72 घंटे बाद ही कुछ कह पाने की बात कही। परिजन उसे 72 घंटे बाद गुरूवार को जयपुर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। परंतु राजू 72 घंटे से पहले ही जीवन की जंग हार गया। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि काश! राजू ने सीट बेल्ट लगाया होता तो बच सकता था।

 

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