
अपने विरोधियों पर भारी पड़े गोविन्द,गहलोत ने साधा अर्जुन निशाना






खुलासा न्यूज,बीकानेर। कहते है कि पार्टी में संयमता रखने और अपने नेतृत्व पर विश्वास रखने का सुखद परिणाम कार्यकर्ता को अवश्य मिलता है। कुछ ऐसा ही खाजूवाला विधायक गोविन्दराम मेघवाल के साथ हुआ। जब उन्हें रविवार शाम को होने वाले प्रदेश सरकार के नये मंत्रिमंडल निर्माण में बतौर केबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया जा रहा है। गोविन्दराम को मंत्री मंडल में जगह देकर सीएम अशोक गहलोत एक तीर से दो निशाने साधे है। गहलोत की इस जादूगरी से न केवल रामेश्वर डूडी को जिले में कमजोर किया गया है। वहीं दूसरी ओर आगामी लोकसभा चुनाव में बीकानेर की आरक्षित सीट पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम को नई चुनौती भी है। ऐसे में अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम हो गई है कि अपने विरोधियों पर गोविन्द भारी पड़े है।
वफादारी का मिला इनाम
उधर गोविन्दराम मेघवाल को सीएम व पार्टी के प्रति वफादारी का इनाम भी मिला है। राजनीतिक जानकारी की माने तो पहले गहलोत सरकार के संकट के समय सीएम के साथ खड़े रहने के साथ साथ जिला परिषद चुनाव में प्रमुख पद की दावेदारी के बाद भी एनवक्त पर टिकट काटकर डूडी समर्थक को जिला प्रमुख बनाने के बाद भी गहलोत व कांग्रेस प्रति निष्ठा रखने के परिणामस्वरूप ही गोविन्द मेघवाल को केबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। यहीं नहीं जयपुर की एक जिला परिषद में भी उप जिला प्रमुख बनाकर यह साबित किया कि वे किसी भी जिम्मेदारी को निभाने में पीछे नहीं है।
बीकानेर से अब तीन मंत्री
मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद सियासी गणित बैठाया गया तो बीकानेर प्रदेश में बड़ा पावर सेंटर बनकर उभरा। यहां कांग्रेस के तीनों ही विधायक मंत्री बन गए। डॉ. बीडी कल्ला पहले से कैबिनेट में हैं, गोंविदराम मेघवाल की एंट्री से बीकानेर से दो कैबिनेट मंत्री हो गए। भंवरसिंह भाटी स्वतंत्र प्रभार में पहले से राज्य मंत्री हैं।नए समीकरण के मुताबिक राजधानी जयपुर, भरतपुर के बाद बीकानेर में ही सबसे ज्यादा मंत्री हैं। भरतपुर में विश्वेंद्रसिंह को वापस कैबिनेट में और जाहिदा को राज्य मंत्री बनाने से अब वहां 4 मंत्री हो गए हैं। इसी तरह जयपुर में भी 4 मंत्री हैं। दौसा में भी तीन मंत्री हैं।


