
निलंबित कुलपति से स्वय करेंगे पूछताछ राज्यपाल मिश्र






अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के घूसकांड में निलंबत रामपाल सिंह (पूर्व कुलपति) को 17 मार्च को राजभवन में उपस्थिति देनी होगी। कु लाधिपति एवं राज्यपाल कलराज मिश्र ने उसे लिखित जवाब और व्यक्तिगत सफाई के लिए तलब किया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार और राजभवन ने रामपाल को सुनवाई का अवसर दिया है। बीते वर्ष 7 सितंबर को दलाल रणजीत, कॉलेज प्रतिनिधि महिपाल सिंह और रामपाल सिंह (बर्खास्त कुलपति) को एसीबी ने 2.20 लाख रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था। रामपाल को 9 दिसंबर को हाईकोर्ट से जमानत मिली। इसी दिन राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 के तहत उसे बर्खास्त कर दिया था। इसके खिलाफ रामपाल ने याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने 19 फरवरी को रामपाल की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया था। साथ ही सरकार और राजभवन को विधिक ढंग से सुनवाई का मौका देते हुए कार्रवाई (बर्खास्तगी) के निर्देश दिए थे। कुलाधिपति ने मांगा लिखित जवाब कुलाधिपति और राज्यपाल कलराज मिश्र के समक्ष रामपाल को 17 मार्च को व्यक्तिगत उपस्थिति देनी होगी। रामपाल को लिखित अभ्यावेदन (जवाब) के अलावा घूसकांड से जुड़े घटनाक्रम को लेकर सफाई देनी होगी। राजभवन उसके जवाब-सुनवाई के आधार पर सरकार से चर्चा करेगा। ताकि मिलता रहे आधा वेतन.अधिकृत सूत्रों की मानें तो हाईकोर्ट के निर्देश पर रामपाल को उच्च शिक्षा विभाग से फरवरी अंत में जवाब देने के लिए पत्र भेजा गया था। वह जानबूझकर जवाब नहीं दे रहा है। रामपाल निलंबन काल में आधा वेतन लेने का हकदार है। वह मामले को लगातार टालने का इच्छुक है, ताकि उसे आधा वेतन मिलता रहे।


