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किसानों के लिए अच्छी खबर, इस योजना के सरलीकरण से किसानों को होगा फायदा

बीकानेर. खेती-बाड़ी करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। नीलगाय आवारा पशुओं के चलते खेत में खड़ी फ सल को काफ ी नुकसान होता था, इसके लिए राजस्थान सरकार ने तारबंदी योजना का सरलीकरण करते हुए किसानों को सौगात दी है। इस योजना के लागू होने से किसानों की खेतों में खड़ी फ सल के तारबंदी हो सकेगी, जिसके चलते आवारा पशु नीलगाय खेतों में खड़ी फ सल को चौपट नहीं कर पाएंगे।

किसानों की फ सल को नीलगाय चौपट कर देती थी लेकिन सरकार की घोषणा के बाद किसानों को बड़ी राहत मिली है। सरकार की घोषणा के बाद किसानों द्वारा खून पसीने से पैदा की गई फ सल को नुकसान नहीं होगा। किसानों को खेतों में खड़ी फ सल की सुरक्षा के लिए तारबंदी करने में अब साथी किसानों का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। तारबंदी योजना में समूह को योजना का लाभ देने की शर्त को समाप्त कर व्यक्तिगत किसान को लाभ देने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में घोषणा की है साथ ही न्यूनतम क्षैत्र फ ल भी 1.5 हेक्टेयर जमीन कर दी है।

इस फैसले से किसानों को तारबंदी योजना का समय पर लाभ मिल सकेगा। जानकारी के अनुसार बारिश कम होने से कृषि योग्य जमीन भी कम होती जा रही है और चारागाह भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण करने के बाद वनस्पति कम हो जाने से वन्यजीव नीलगाय और आवारा पशु खेतों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के सामने अपनी फ सल को बचाने की ज्यादा चिंता रहती है। सरकार ने भी फ सलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी योजना चलाई।

इसके तहत किसानों को फसल की सुरक्षा के लिए खेत की तारबंदी करने के लिए अनुदान दिया जाता है। वर्तमान में कृषि विभाग की ओर से 3 किसानों को यूनिट समूह के रूप में 3 हेक्टेयर जमीन के लिए तारबंदी पर अनुदान दिया जाता है। इससे कई बार पड़ोसी किसान से तालमेल नहीं बैठने के कारण योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। इसको देखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तारबंदी योजना का सरलीकरण कर दिया है।

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