शिक्षा विभाग में बैकडोर एंट्री मामला: वायरल आदेशों पर अधिकारी बोले- सरकारी नहीं, ठेके पर लगे ये तीनों - Khulasa Online शिक्षा विभाग में बैकडोर एंट्री मामला: वायरल आदेशों पर अधिकारी बोले- सरकारी नहीं, ठेके पर लगे ये तीनों - Khulasa Online

शिक्षा विभाग में बैकडोर एंट्री मामला: वायरल आदेशों पर अधिकारी बोले- सरकारी नहीं, ठेके पर लगे ये तीनों

 

बीकानेर. शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियां व बैकडोर एंट्री के नए मामले सामने आ रहे है। ऐसे में एक बैकडोर एंट्री का नया मामला भी आया है। जिसमें तीन जनों को बैकडोर एंट्री को लेकर पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर पत्र वायरल हो रहे है। जिसमें शिक्षा विभाग के पूर्व शिक्षा निदेशक ने अपने चेहतों व रिश्तेदारों को बैकडोर एंट्री दी है। इन दस्तावेजों की पुष्टि करने के लिए शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों से बातचीत की। निदेशालय में हितकारी निधि के अधिकारी ने बिना नाम व नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन तीनों जनों की सरकारी नौकरी नहीं है और तीनों जने ठेके के माध्यम से कार्यरत है। इस संबंध में जब शिक्षा निदेशक कानाराम को फोन किया गया तो उन्होंने फोन भी नहीं उठाया। इन वायरल हो रहे दस्तावेजों व पत्रों में बताया कि शिक्षा विभाग की हितकारी निधि में तीन जनें शिक्षा विभाग में कार्यरत तत्कालीन निदेशक, पूर्व स्टाफ ऑफिसर व स्टोर कीपर के रिश्तेदार बताए जा रहे है। जब अधिकारियों से इन तीनों लगे कनिष्ठ सहायक के बारें में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये उनके रिश्तेदार है ये भी हमें आज ही पता चला है। इन तीनों जनों को कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्य के लिए काम में लिया जा रहा है। मजे की बात है कि जब इन तीनों जनों के वेतन की बारें में बात की तो अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा विभाग की हितकारी निधि की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इन तीनों को नियुक्ति दी जाए और इनके वेतन भी कर्मचारी हितनिधि के माध्यम से ही भुगतान किया जाएं।

चयन पर उठा सवाल
शिक्षा विभाग ने इन तीनों को हितकारी निधि के माध्यम से कनिष्ठ सहायक लगाया गया। जब इनके विभाग में चयनित को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया का तो कोई पता नहीं है। जो आदेश आता है उनकी तो हम पालना करते है। एक वायरल आदेश में पूर्व शिक्षा निदेशक ने इन तीनों जनों को कनिष्ठ सहायक के पद पर परीविक्षाधीन नियुक्ति दी है। जिसमें 14600 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाने का आदेश भी है। इन तीनों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर कोई सूचना व विज्ञापन भी जारी नहीं किया गया है।

एक कनिष्ठ सहायक को सरकारी आवास भी दे दिया
इन तीनों जनों में से एक को पूर्व शिक्षा निदेशक ने अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए सरकारी आवास भी आवंटित कर दिया। एक वायरल आदेश में बताया गया कि द्वितीय श्रेणी के पात्र अधिकारी व कार्मिक द्वारा काफी समय से आवंटन के लिए आवेदन नहीं करने पर रिक्त चल रहे आवासगृह को कनिष्ठ सहायक को आवंटित कर दिया। ऐसे में नियमित कर्मचारियों को आवास नहीं देने व ठेके पर कार्यरत कनिष्ठ सहायक को आवास उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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