
आहिस्ता-आहिस्ता खोले हैं पर, उड़ना है आसमां चाहिए






अस्सी विद्यार्थियों सहित सौ सदस्यीय दल पहुंचा जैतून रिफाइनरी
लूनकरणसर। आहिस्ता-आहिस्ता खोले हैं पर, उड़ना है आसमां चाहिए।’ की हुंकार भरते दर्जनों विद्यार्थी आंखों में आकाश लिए एक विजन के साथ चिलचिलाती धूप को धत्ता बताते हुए सोमवार को जैतून रिफाइनरी लूणकरणसर पहुंचे। तेजा फाउंडेशन जयपुर से बीकानेर संभाग के शैक्षणिक भ्रमण के लिए निकले अस्सी सदस्यीय दल का लूणकरणसर स्थित जैतून रिफाइनरी में उपस्थितजनों द्वारा अभिनन्दन किया गया। पेराओलम्पिक विजेता देवेन्द्र झाझड़िया के पिता रामसिंह झाझड़िया एवं लक्ष्मण सिंह महला,जाट कीर्ति संस्थान प्रधान चूरू की अगुवाई में पहुंचे इस डेलीगेट में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी शामिल रहे। इस अवसर पर ‘शब्दों से रूबरू’ सत्र में बोलते हुए तेजा फाउंडेशन सचिव रामस्वरूप चौधरी ने शिक्षा और समाज सेवा के साथ राष्ट्र निर्माण के प्रति कटिबद्धता को लेकर चलने वाले फाउंडेशन पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर डीसी सारण ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्थानीय जनों से रूबरू करवाया। अभिनन्दन सरोकार के तहत बोलते हुए युवा साहित्यकार राजूराम बिजारणियां ने लूणकरणसर के परिदृश्य को परत-दर-परत खोलते हुए विद्यार्थियों को भंडाण क्षेत्र के इतिहास, नमक झील, कुरजां
से जुड़ी जानकारी साझा दी। कृषि उपनिदेशक प्रेमाराम सायच ने जैतून रिफाइनरी एवं जैतून पौधों के बारे में जानकारी दी।इस अवसर पर जयपुर से आए महेंद्र सिंह भाम्भू, दौलतराम सारण, रामेश्वर दयाल मूंड, डॉ. सत्यनारायण झाझड़िया का पूर्व कृषि निदेशक पुरखाराम बिजारणियां, पूर्व व्यापार मण्ड अध्यक्ष राजाराम जाखड़, पंचायत समिति सदस्य बीरबल राम हुड्डा, मोटाराम चौधरी, सावन्तराम पचार, रघुवीर चौधरी, रामलाल देहड़ू, दलीप थोरी, व्याख्याता पवन सींवर, राजेन्द्र घिंटाला, सत्यनारायण, रेवंतराम गोदारा, रामेश्वरलाल, आशाराम सारण, लालचंद थोरी, दौलतराम गोदारा, हंसराज गोदारा, मूलाराम कलकल, जगदीश बिजारणिया, भैराराम गोदारा, दिलीप सारण, हंसराज थोरी, मनीराम जाखड़, डॉ. अंकित गोदारा, हीरालाल भुंवाल, भैराराम तरड़, सहीराम सहित सभीजनों ने अभिनंदन किया। तेजा फाउंडेशन को प्रशस्ति पट्ट भेंट किया। अजय थोरी ने बेटी से जुड़ा भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया।


