गांधी कल भी प्रासंगिक थे और आज भी:प्रो.चन्द्रा - Khulasa Online गांधी कल भी प्रासंगिक थे और आज भी:प्रो.चन्द्रा - Khulasa Online

गांधी कल भी प्रासंगिक थे और आज भी:प्रो.चन्द्रा

खुलासा न्यूज,बीकानेर। महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में चल रही व्याख्यानमाला के क्रम में गुरूवार को रामपुरिया विद्यि महाविद्यालय में प्रो. विनोद चन्द्रा का व्याख्यान कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों ईकाइयों तथा राजीव गांधी स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वावधान में रखा गया। जिसका विषय Óगांधीजी के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकताÓ था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ विनोद चन्द्रा हेड एवं ऐसोसिएट प्रोफेसर डिपार्टमेंन्ट ऑफ सोस्योलोजी जे.एन. पी.जी. कॉलेज,लखनऊ थे। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राजकीय डूंगर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं राजीव गांधी स्टडी सर्कल के संभागीय समन्वयक डॉ. एन. के. व्यास, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के शोध निदेशक प्रो. राजाराम चोयल, पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल छंगाणी, उपकुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा थे। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के तैलीय चित्र पर दिप प्रज्वलन और माल्यार्पण करके हुई। प्राचार्य डॉ अनन्त जोशी के स्वागतीय उदबोधन मेें मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए उनके एकेडमिक एवं रिसर्च के योगदान से स्वयंसेवको को अवगत कराया। डॉ.जोशी ने महात्मा गांधी के आदर्शो अहिंसा सत्य परोपकार को प्रेरणा प्रसंगों के माध्यम से स्वयं सेवकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अहिंसा से तात्पर्य केवल शारीरिक हिंसा को त्यागना ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बुराईयों को त्यागना है। डॉ चन्द्रा ने कहा कि गांधी कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने बताया कि हिन्द स्वराज में महात्मा गांधी द्वारा कही गई बातों की वर्तमान प्रासंगिता पर विचार व्यक्त करते हुए प्रो. चन्द्रा ने कहा कि मशीन मानव के लिये उतनी ही जरूरी है जितनी कि मनुष्य उसका गुलाम न बने।उन्होंने आर्टिफिसीयल इंटेलीजेन्सी तथा भारतीय संसदीय व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विष्व में संसदीय लोकतंत्र श्रेष्ठ है परन्तु गांधी ने इसे 1909 में अपनी पुस्तक हिन्द स्वराज में इसे श्रेष्ठ मानने से इंकार किया। उन्होंने स्वयंसेवको को गांधी के साथ हुए विचार विमर्र्श एवं सत्य के साथ गांधी के प्रयोग जैसे साहित्य को पढने हेतू स्वयंसेवको को प्रेरित किया। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा ने विषय प्रवर्तन करते हुए महात्मा गांधी के दो सिद्धान्तों सत्य और अहिंसा के प्रति जागरूक होकर विद्यार्थियों को अनुपालन करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर राजकीय डूंगर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं राजीव गांधी स्टडी सर्कल के समन्वयक डॉ एन.के. व्यास ने विषय पर अपना उदबोधन देते हुए स्वयंसेवको को गांधी के जीवन को अपने विचार रखे एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाईयों द्वारा आयोजित गोष्ठी में महाविद्यालय के रासेयो के प्रभारी डॉ. रीतेश व्यास ने गांधी दर्षन के बारे में स्वयं सेवको को सम्बोधित किया। इस अवसर पर अतिथियों का परम्परागत तरीके से साफा, शॉल एवं प्रतिक चिन्ह भेंट कर महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा सम्मान किया गया।इस अवसर पर रामपुरिया जैन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पंकज जैन, सिस्टर निवेदिता गल्र्स महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रीतेश व्यास, राजकीय डूंगर महाविद्यालय के डॉ नरेन्द्र नाथ, रूक्टा के महामंत्री डॉ विजय ऐरी, महाविद्यालय के डॉ बाल मुकन्द व्यास, डॉ शराफत अली, डॉ. राकेश धवन, डॉ प्रीति कोचर,भरत जाजडा, इशान नारायण पुरोहित,मगन सोलंकी ने भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ रीतेश व्यास ने किया।

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