
फाउंडेशन ने नौकरियों में राजस्थानके मूल निवासियों को वरीयता देने का दिया ज्ञापन






बीकानेर। पुरुषार्थ फाउंडेशन द्वारा प्रदेश भर के सभी जिलों व उपखंड स्तर पर चलाये जा रहे अभियान के तहत आज नोखा उपखंड अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय के नाम दो ज्ञापन सौंपे गये जिसमें :-
(1) देश के अन्य कई राज्यों की तरह राजस्थान में भी राज्य सरकार की नोकरियों में राजस्थान राज्य के मूल निवासियों को वरीयता देने संबंधी कानून इसी विधानसभा सत्र में बनाने की मांग रखी गई ताकि राज्य के बेरोजगार युवाओं को राज्य में ही सरकारी रोजगार के ओर अधिक अवसर मिल सकें व कोरोनाकाल में राज्य में बढ़ी बेरोजगारी से भी कुछ निजात मिल सके। तथा बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों राज्य के युवाओं का हक़ छीनने से रोका जा सके।
(2) आर्थिक पिछड़ा वर्ग (EWS) आरक्षण की विसंगतियां दूर करने व प्रमाणपत्र बनाने की शर्तों के सरलीकरण करने की माँग रखते हुए आर्थिक पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह ही अधिकतम आयु की छूट, न्यूनतम अंकों एवं फीस में छूट देने ताकि वे भी अन्य वर्गों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कर सके। EWS प्रमाण पत्र को हर वर्ष नवीनीकरण की जटिल प्रक्रिया से मुक्त करने व इसका सरलीकरण करने। विवाहित महिलाओं को प्रमाण पत्र बनाने में पति और पिता दोनों की आय प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ता है जिससे ये प्रक्रिया अत्यंत जटिल हो जाती है, इस कारण विवाहित महिलाओं को केवल पति की आय का ही प्रमाण प्रस्तुत करने का नियम बनाने, आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने आदि इस आरक्षण की अन्य सभी विसंगतियों को दूर करने हेतु निवेदन किया गया। इस मौके पर श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन की केंद्रीय टीम के सदस्य राम सिंह चरकड़ा, एडवोकेट महेंद्र सिंह, एडवोकेट मांगू सिंह, महेंद्र सिंह चरकड़ा, विक्रम सिंह, एडवोकेट विजय प्रताप सिंह, एडवोकेट भँवर सिंह आदि उपस्थित रहे।


