राजस्थान में कोरोना का पीक आना अभी बाकी:एक्सपर्ट बोले- मई के आखिरी से लेकर जून के पहले सप्ताह तक कोरोना पीक पर होगा
राजस्थान में कोरोना का पीक आना अभी बाकी है। यह पीक मई के आखिरी से लेकर जून के पहले सप्ताह तक आ सकता है। यह हम नहीं कह रहे। यह तो जयपुर SMS अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और राजस्थान सरकार में कोविड मैनेजमेंट के सदस्य तथा सीनियर डॉ. वीरेन्द्र सिंह का कहना है। कोरोना की हर बार सटीक जानकारी देने वाले डाॅक्टर वीरेंद्र सिंह की मानें तो राज्य में कोरोना का पीक मई के आखिरी सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक आ सकता है।
उन्होंने बताया कि जब यूरोपियन देशों में कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब पीक दो से ढाई माह में पहुंचा था। ठीक उसी तरह महाराष्ट्र में भी कोरोना की दूसरी लहर का पीक अब चल रहा है, यहां मार्च के पहले सप्ताह से कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप आना शुरू हो गया था और आज मौजूदा समय में 63-66 हजार केस प्रतिदिन आ रहे हैं। मुंबई में भी अब धीरे-धीरे पॉजिटिविटी रेट और केसों की संख्या में गिरावट आ सकती है।
डॉक्टर के मुताबिक पीक के दौरान पॉजिटिव केस 30 हजार प्रतिदिन और एक्टिव केसों की संख्या 3.50 लाख तक पहुंचने की आशंका है। ऑक्सीजन, रेमडेसिवर और बेड्स की व्यवस्था नहीं की तो भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। खास बात यह कि चिकित्सा व्यवस्था अभी से गड़बड़ाई हुई है, ऐसे में इस पीक को संभालने के लिए राजस्थान सरकार के पास कोई संसाधन शेष बचने की उम्मीद नहीं है। अगर जनता नहीं संभली और अभी से व्यापक पैमाने पर व्यवस्थाएं नहीं की तो हालत बहुत बदतर होंगे।
अब इन विपदाओं के लिए रहना होगा तैयार
राजस्थान में अनुमान ये जताया जा रहा है कि ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद अब अन्य जरूरी दवाइयों और मेडिकल स्टाफ की कमी की विपदा का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि एक तरफ मरीजों की संख्या में तो इजाफा हो ही रहा है्, दूसरी तरफ अब संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या में तेजी से कमी देखने को मिल सकती है।
20% से ऊपर पहुंची पॉजिटिविटी रेट
राजस्थान में पिछले एक सप्ताह के अंदर कोरोना संक्रमण की पॉजीटिविटी रेट में 7 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ हुई है। 11 से 17 अप्रैल तक कोरोना प्रदेश में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 13 फीसदी थी, जो 21 से 27 अप्रैल के बीच 20 फीसदी से भी ऊपर चली गई। एक्सपर्ट की मानें तो मौजूदा समय में 80 हजार के लगभग टेस्टिंग हो रही है और अगर टेस्ट ज्यादा हुए तो केसों की संख्या में और ज्यादा इजाफा देखने को मिलेगा।
2020 की तुलना में 2021 की स्थिति ज्यादा खतरनाक
राजस्थान में साल 2020 में कोरोना की जब पहली लहर आई थी, तब सितंबर, अक्टूबर व नवंबर तीनों माह में लगभग 1.87 लाख से ज्यादा नये केस मिले थे, जबकि 1263 लोगों की जान चली गई थी। सबसे ज्यादा केस नवंबर में 71,130 आए थे, जबकि मौत के मामले सबसे ज्यादा पिछले साल सितंबर में 438 आए थे। लेकिन इस बार ये सारे रिकॉर्ड दूसरी लहर में महज 27 दिन में ही टूट गए। दूसरी लहर में अप्रैल में अब तक 2.13 लाख से ज्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं, जबकि 988 लोगों की मौत हो चुकी है।