चिप की कमी के चलते लोगों अपनी मनपसंद गाड़ी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा - Khulasa Online चिप की कमी के चलते लोगों अपनी मनपसंद गाड़ी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा - Khulasa Online

चिप की कमी के चलते लोगों अपनी मनपसंद गाड़ी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा

भीलवाड़ा। नई कारों के शौकीन लोगों अपनी मनपसंद गाड़ी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा हैं। कारों के डिजिटलाइज्ड होने के कारण उसमें काम आने वाली चिप [सेमी कंडक्टर] की कमी के चलते कारों की डिलीवरी बहुत लेट हो पा रही है। कार की डिलीवरी के लिए ग्राहकों को 2 से 4 माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
कार डीलर्स के मुताबिक लंबी वेटिंग लिस्ट जबरदस्त मांग दिखा रही है, लेकिन चिप की कमी के चलते कंपनिया बहुत कम डिलीवरी दे पा रही है। जहां ग्राहक पहले एक ही शोरूम पर गाड़ी की बुक कराते थे, लेकिन अब लंबी वेटिंग लिस्ट के चलते दो या तीन शोरूम पर कार की बुकिंग करा रहे हैं। कुछ ग्राहक जल्दी डिलीवरी के लिए दूसरे राज्यों से कार ला रहे हैं। करीब-करीब सभी कंपनियां बुकिंग कैंसिल होने पर जमा अमाउंट बिना किसी कटौती के वापस कर देती है।
इन कारों की वेटिंग
इस समय मारुति की कारों की वेटिंग 3 माह तो हुंडई के कारों की 4 महीने चल रही है। एसयूवी में ब्रेजा की वेटिंग तीन माह तो हुंडई की क्रेटा के लिए आपको चार माह तक इंतजार करना पड़ सकता है।
क्या काम आती है चिप
सेमी कंडक्टर का मतलब अद्र्धचालक होता है और इसका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने में किया जाता है। सेमी कंडक्टर सिलिकॉन से बने होते हैं, जो एक चिप के रूप में होते हैं। मौजूदा समय में जितनी भी कारें बाजार में हैं, उन सभी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। कारों में चिप का इस्तेमाल हेड्स अप डिस्प्ले, ऑटोनॉमस ड्राइविंग एड, सेन्सर्स, सेलफो और कम्युनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन के एलीमेंट्स में होता है। इसके साथ ही ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग के लिए रियर कैमरा और सेंसर्स कंट्रोल, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, लेन चैंज असिस्ट, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेक में भी इस चिप की जरूरत होती है। कार को हाइटेक बनाने में सेमीकंडक्टर जरूरी भूमिका अदा करते हैं।
बिक्री पर असर
इस समय पूरी ऑटो मोबाइल इंडस्ट्रीज चिप की कमी की समस्या से जूझ रही है। इसका खामियाजा कार कंपनियों के साथ ग्राहकों को भी उठाना पड़ रहा है। चिप शॉर्टेज के चलते न केवल कारें महंगी हो गई हैं बल्कि कारों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है। इसका असर गाडिय़ों की बिक्री पर भी पड़ रहा है। वेटिंग पीरियड ज्यादा होने से ग्राहक भी उन कारों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, जिनके लिए लंबा इंतजार नहीं है। सबसे ज्यादा वेटिंग पीरियड नई और लोकप्रिय कारों के लिए है।

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