फिर से दुर्लभ ऑपरेशन कर डॉ नांगल ने बचाई 51 वर्षीय मरीज की जान,पैर कटने से बचाया - Khulasa Online फिर से दुर्लभ ऑपरेशन कर डॉ नांगल ने बचाई 51 वर्षीय मरीज की जान,पैर कटने से बचाया - Khulasa Online

फिर से दुर्लभ ऑपरेशन कर डॉ नांगल ने बचाई 51 वर्षीय मरीज की जान,पैर कटने से बचाया

खुलासा न्यूज,बीकानेर। बीकानेर के कैंसर सर्जन डॉ जितेन्द्र नांगल ने एक बार फिर एक दुर्लभ ऑपरेशन कर एक महिला की न केवल जान बचाई बल्कि ऑपरेशन वाली पैर को भी सुरक्षित कर सफलता अर्जित की। अब मरीज स्वस्थ है और आसानी से चलने फिरने लगा है। इस ऑपरेशन को सफल करने वाले डॉ नांगल बताते है कि हरियाणा निवासी 51 वर्षीय संतरो देवी को तीन साल पहले दाहिने पैर की थाई में साफ्ट टिस्सू कैंसर हुआ। जिसका ऑपरेशन व रेडियो थैरेपी हरियाणा में हुई। इस दौरान मरीज ठीक भी था। एक महीने पहले मरीज को ऑपरेशन के ऊपरी हिस्से में फिर गांठ महसूस हुई। जिसके उपरान्त मरीज ने श्रीमती उमादेवी भतमाल मेमोरियल नांगल कैंसर हास्पीटल एवं रिसर्च इन्टीट्यूट में डॉ जितेन्द्र नांगल को दिखाया। जांच के बाद पता चला कि संतरो देवी को फिर कैंसर हो गया। मरीज की एमआईआर व पेट सिटी स्कैन किया गया। जिसमें ज्ञात हुआ कि मरीज के बीमारी ओर कही नहीं फैली व उसी जगह अब पेल्विस की मांस पेशियां सहित दाहिने प्यूबिक बोन को कैंसर ने जकड़ लिया। 10 सेमी गुणा 9 सेमी की हड्डी गल गई। इस पर मरीज का मेजर ऑपरेशन कर उसकी जान व पैर बचाने के साथ साथ रक्त स्त्राव का ज्यादा खतरा भी चिकित्सकी टीम के लिये एक चुनौती थी। इन स्थिति को बचाते हुए डॉ नांगल ने चार घंटे में इस ऑपरेशन में सफलता हासिल की। इसके बाद मरीज अब चलने फिरने में सक्षम है।
क्या कहते है डॉ नांगल
डॉ नांगल बताते है कि यह ऑपरेशन हेमी पेल्वेक्टमी है। जब पैर बचाने का ऑपरेशन करते है तो इंटरनल हेमी पेल्वेक्टमी टाइप 3 कहते है । इस आपरेशन में प्यूबिक बोन को सिमफाइसिस प्यूबिस से लेकर कुल्हे के जोड़ से पहले तक बीमारी व आसपास की मांसपेशियों के साथ निकालते है। उस खाली जगह पर प्रोलीन मेस लगा दिया जाता है ताकि हर्निया न बने। इसके अत्यधिक रक्त स्त्राव का खतरा भी होता है। इसमें पेट के अंदर की तरफ से पैर की खून की नसे व तंत्रिकाओं को बचाया जाता है।
क्या कहती है ऐनेस्थेटिस्ट
ऐनेस्थेटिस्ट डॉ सुमन सिंह बताती है कि ऑपरेशन के दौरान व बाद में लगातार एपिड्यूरेल केथेटर से दर्द दूर करने के दवाई दी गई। पूरे ऑपरेशन में ब्लड प्रेशर को विशेष तौर पर कंट्रोल रखा गया। जिससे रक्त स्त्राव कम से कम हो।
यह है टीम
इस टीम में सीनियर कैंसर सर्जन डॉ जितेन्द्र नांगल,ऐनेस्थेटिस्ट डॉ सुमन सिंह,स्टाफ सौरभ,कल्लाराम,पुंजाराम, ममता रही।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26