नहरों में फिर आया गंदा पानी,किसान बोले अभी इस मटमैले पानी का नहीं हो पीने के लिए स्टोरेज

नहरों में फिर आया गंदा पानी,किसान बोले अभी इस मटमैले पानी का नहीं हो पीने के लिए स्टोरेज

श्रीगंगानगर। पंद्रह दिन की नहर बंदी के बाद इलाकों की नहरों में पानी आना शुरू हो गया। पूरे गंगनहर एरिया में आए इस पानी का रंग काला और मटमैला होने से लोगों में रोष है। किसानों का कहना है कि यह पानी सिंचाई के लिए तो उपयोग हो सकता है लेकिन अगले कुछ दिन तक इन्हें पीने के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पानी के स्टोरेज से तो लोगों में रोग पनपेंगे। किसानों का कहना है कि इस पानी में केमिकल अशुद्धता है जो कि रोगों का कारण बन सकती है। उन्होंने सभी से अलर्ट रहते हुए इस पानी का पीने के लिए स्टोरेज नहीं होने देने की बात कही।
पीने के लिए पानी नुकसानदायक
साधुवाली इलाके के किसान और श्रीगंगानगर फल सब्जी उत्पादक संघ के जिलाध्यक्ष अमर सिंह का कहना है कि इस पानी का स्टोरेज होने देना नुकसानदायक है। अगर इसे पीने में उपयोग किया गया तो यह हर आदमी के लिए नुकसानदायक होगा। इसके जरिए हम आम आदमी तक रोग भेज रहे हैं।
मटमैला है पानी
किसान नेता रणजीतसिंह राजू बताते हैं कि उनके इलाके में भी नहर में काफी गंदा पानी पहुंचा है। इसका रंग मटमैला है। पहले भी कई बार पंजाब और राजस्थान की सरकारों तक गंदे पानी की सप्लाई की बात पहुंचाई है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गंदे पानी का नहीं हो स्टोरेज
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के मुकेश गोदारा बताते हैं कि उनके इलाके में साधुवाली के आसपास अभी गंदा पानी आना शुरू हुआ है। इसमें कैमिकल अशुद्धियां दिख रही हैं। इस पानी का स्टोरेज पीने के लिए किसी भी स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए।

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