क्या सीवरेज के पानी से नोखा तहसील में कोरोना फैला? - Khulasa Online क्या सीवरेज के पानी से नोखा तहसील में कोरोना फैला? - Khulasa Online

क्या सीवरेज के पानी से नोखा तहसील में कोरोना फैला?

 

खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के अनुसार,नोखा के निवासियों को सीवरेज फैल और मल से दूषित सीवरेज के पानी के फैलने से कोविड -19 वायरस के अनुबंध का उच्च जोखिम है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने 39 से अधिक देशों में जोखिम का अध्ययन करने के बाद चेतावनी दी। हवाई पानी की बूंदों को पहले वायरस के संचरण के मुख्य मार्ग के रूप में उजागर किया गया है जो कोविड -19 का कारण बनता है, लेकिन हम जानते हैं कि संचरण के अन्य रूपों के मौजूद होने की संभावना है। जून 2020 में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर ने अहमदाबाद के एक आउटलेट में अनुपचारित सीवरेज से एकत्र किए गए अपशिष्ट जल के नमूनों में कोरोनावायरस के गैर-संक्रामक जीन पाए। शोधकर्ताओं ने संभावित हॉटस्पॉट की पहचान करने के लिए देश भर में अपशिष्ट जल आधारित निगरानी शुरू करने की आवश्यकता का संकेत दिया। उपन्यास कोरोनोवायरस SARS-CoV-2 मुख्य रूप से श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है। सतहों पर उतरने वाली ऐसी बूंदें भी संक्रमण फैला सकती हैं। यहां अधिवक्ता विनायक चितलांगी, रवैल भारतीय व अनिल सोनी ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तत्काल रिट याचिका दायर कर रहा है, जिसमें प्रतिवादियों को सीवेज के पानी पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है। सीवेज के पानी के रूप में इसका उपचार कोविड-19 वायरस संक्रमण के फैलने का एक स्रोत हो सकता है। इस सम्बन्ध में अधिवक्ता विनायक चितलांगी, रवैल भारतीय व अनिल सोनी ने राजस्थान हाई कोर्ट में PIL दाखिल करने की बात कही।
अधिवक्ता विनायक चितलांगी, रवैल भारतीय व अनिल सोनी का कहना है कि हाल की जांच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खडग़पुर के शोधकर्ताओं की एक समीक्षा के अनुसार, मल के नमूनों में जीवित वायरस की उपस्थिति दिखाती है, जो कोविड-19 के संभावित मल-मौखिक संचरण का सुझाव देती है। इसके साथ ही कई अध्ययनों में ऐसे रोगियों को रिकॉर्ड किया गया है जिनके श्वसन तंत्र में नोवेल कोरोना वायरस का कोई निशान नहीं है। लेकिन वायरस उनके मल और जठरांत्र संबंधी मार्ग में पाया गया। समीक्षा उन रिपोर्टों का हवाला देती है जिनमें रोगियों के गुदा स्वाब या रक्त के नमूनों में जीवित वायरस पाया गया है, जबकि उनके मौखिक जबाव ने नकारात्मक परीक्षण किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अन्य लोगों के लिए खतरा पैदा करने के बावजूद नियमित निगरानी में इन रोगियों को कोविड-19 नक ारात्मक माना जा सकता है। संक्रमित मल आसानी से अस्पतालों, क्वारंटाइन सेंटरों और घरेलू घरों से उत्पन्न अपशिष्ट जल को कोविड-19 मामलों में दूषित कर सकता है। यह अनुपचारित सीवेज प्राप्त करने वाले जल निकायों में वायरस की सांद्रता को बढ़ा सकता है। SARS-CoV, जो पहले रिपोर्ट किया गया था, 4 डिग्री सेल्सियस पर 14 दिनों तक और अनुपचारित सीवेज में 40 डिग्री सेल्सियस पर केवल 2 दिनों तक जीवित रह सकता है। दुनिया भर में अनुपचारित सीवेज में नोवेल कोरोना वायरस का भी पता चला है। चूंकि एक संक्रमित व्यक्ति 35 दिनों तक मल के नमूनों में वायरल सामग्री को बहाता है, ये अध्ययन लगभग एक महीने में स्थिति का समग्र अनुमान प्रदान कर सकते हैं। अन्य वायरल रोगों के अनुभव से पता चला है कि एक रोगजऩक़ के निशान के लिए सीवेज की निगरानी पूरे समुदायों की प्रभावी निगरानी में सक्षम बनाती है, जिससे एक संवेदनशील संकेत मिलता है कि क्या रोगजऩक़ आबादी में मौजूद है और क्या संचरण बढ़ रहा है या घट रहा है। दुनिया भर के शोधकर्ता अब इस उम्मीद के साथ कोविड-19 के लिए एक ही दृष्टिकोण अपना रहे हैं कि अपशिष्ट जल डेटा इसके प्रसार के मौजूदा उपायों को पूरक कर सकता है, कोरोना वायरस, SARS-CoV-2, अपशिष्ट जल में पहले ही पाया जा चुका है।
चूंकि नोखा में कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है या सीवेज के पानी का उचित निपटान नहीं है, नोखा और नोखा तहसील में रहने वाले लोगों के जीवन को बड़ा खतरा है और यह तहसील में सीओवीआईडी -19 मामलों के फैलने का एक कारण हो सकता है। इस अपशिष्ट जल पर स्थानीय प्रशासन निकाय की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और सीवेज का पानी सिर्फ खेत में फैलाया गया है या खुले आम गूंगा है। इस सीवरेज के पानी की कोई उचित सीमा नहीं है,कोई भी जानवर पानी में गिर सकता है और अब पानी नोखा के रिहायशी इलाकों में फैल गया है। यहां नोखा में बहुत बड़ी मात्रा में अनुपचारित सीवरेज का पानी है और वह भी खुले में जमीन में फेंक दिया जाता है जो नोखा तहसील क्षेत्र में कोविड -19 मामलों के बढऩे का मुख्य कारण हो सकता है। कोविड-19 की इस दूसरी लहर में न तो नगर निक ाय, न कलेक्टर या सरकार अनुपचारित सीवरेज के पानी की देखभाल कर रही है और नोखा तहसील में रहने वाली लाखों आबादी को जोखिम में डाल रही है।

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