बीकानेर में डेंगू पहुंचा घर-घर स्वास्थ्य विभाग बैठा आफिस में, कर रहा है मौत के आंकड़ों की गिनती - Khulasa Online बीकानेर में डेंगू पहुंचा घर-घर स्वास्थ्य विभाग बैठा आफिस में, कर रहा है मौत के आंकड़ों की गिनती - Khulasa Online

बीकानेर में डेंगू पहुंचा घर-घर स्वास्थ्य विभाग बैठा आफिस में, कर रहा है मौत के आंकड़ों की गिनती

बीकानेर। डेंगू के गहराते प्रकोप का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पीबीएम हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से एक दिन में 169 यूनिट प्लेटलेट बनाकर मरीजों को चढ़ाई गई है। यह अब तक की एक दिन की सबसे ज्यादा प्लेटलेट डिमांड और आपूर्ति है। आमतौर पर 25 से 30 यूनिट प्लेट की डिमांड पीबीएम में होती है। डेंगू के सीजन में यह बढक़र अधिकतम 50 यूनिट तक पहुंचती थी।
ऐसा पहली बार हुआ है कि डिमांड लगभग छह गुना बढ़ गई है। इतना ही नहीं एक दिन में सात मरीजों को एसडीपी यानी सिंगल डोनर प्लेटलेट ट्रांसप्लांट भी हुआ है। आमतौर पर औसतन दो एसडीपी कैंसर मरीजों को होता है। यही वजह है कि रात-दिन सैल सेपरेटर मशीन से प्लेटलेट बनाने का काम हो रहा है। यही नहीं कर्मचारियों की कमी देखते हुए ब्लड बैंक में नौ टेक्नीशियन अस्थायी तौर पर नियुक्त किए गए हैं।
पीबीएम हॉस्पिटल की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 337 पॉजिटिव रोगी रिपोर्ट हो चुके हैँ। इनमें सबसे ज्यादा 200 रोगी बीकानेर शहर के हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मोटे अनुमान के आधार पर 10 इलाकों को हाई रिस्क जोन माना है। इन सबके बावजूद यह जानने का तरीका ही नहीं है कि किस इलाके में मच्छरों की डेंसिटी यानी घनत्व कितना है। इनमें इन्फेक्शन है या नहीं। चूकि मच्छरों की डेंसिटी जानने के लिए मोस्किटो कलेक्टर की जरूरत है। यह संबंधित इलाकों में मच्छरों को पकडक़र एक फार्मूले के आधार पर घनत्व बताता हे। मच्छर इन्फेक्टेड है या नहीं यह जानने के लिए एंटोमोलोजिस्ट की जरूरत है। बीकानेर में ये दोनों ही विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे में अनुमान से ही मच्छर रोधी कार्रवाई हो रही है।
पीबीएम में  एक साथ 13 मरीज डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट हुए हैं जिनमें से चार को भर्ती करवाया गया है। जिले में अब कुल डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 335 हो चुकी है। वहीं डेंगू से मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों में तीन दर्ज है, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा सात को छू चुका है। शनिवार को पीबीएम और जिला हॉस्पिटल में सुबह नौ से ग्यारह बजे दो घंटे के ओपीडी समय के बावजूद वायरल बुखार और डेंगू की आशंका वाले करीब आठ सौ मरीजों ने डॉक्टरों को दिखाया। हीमेटोलोजी विभागाध्यक्ष एवं ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.एन.एल.महावर का कहना है, जितनी डिमांड बढ़ रही है उतने ही अनुपात में रक्तदाता भी आगे आ रहे हैं। हर दिन ब्लड डोनेशन कैंप लग रहे हैं। इसके अलावा स्वैच्छिक रक्तदान भी हो रहा है। यही वजह है कि सभी ब्लड ग्रुप की प्लेटलेट हर दिन बनाकर मरीजों को दे रहे हैं। अभी ज्यादातर ओ और बी ग्रुप की प्लेटलेट ज्यादा चाहिए।

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