
अंतिम बहस में ली अंतिम सांस: बहस के दौरान वकील काे घबराहट, बार रूम में पानी पीने गए, हार्ट अटैक से मौत






श्रीगंगानगर। न्यायालय में खुद के सिविल मामले में बहस के दौरान साेमवार काे वरिष्ठ वकील विजयकुमार जैन (81) को घबराहट हुई और वहीं हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। ये अजीब संयोग रहा कि प्रकरण में सोमवार को अंतिम बहस थी। इसी दौरान ही न्यायालय परिसर में ही विजय कुमार जैन ने अंतिम सांस ली। ये घटना सुबह 10:30 बजे हुई। एडीजे-2 न्यायालय में सोमवार सुबह वकील विजय कुमार जैन पुलिस लाइन के सामने स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में रीको की ओर से उनका भूखंड निरस्त करने के मामले की खुद ही पैरवी कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शी वरिष्ठ वकील अमित छाबड़ा के अनुसार न्यायालय में वकील विजय कुमार जैन ने प्रभावी बहस की। उन्होंने करीब सवा घंटे तक चली बहस अंग्रेजी में की। वे पूरी तैयारी के साथ आए थे। अपने साथ प्रकरण से जुड़े कानूनी नुक्तों व दलीलों की 18 पेज की नोटिंग भी लेकर आए थे। वकील छाबड़ा के अनुसार जैन पूरी तरह से फिट लग रहे थे। उनके उत्साह से नाम मात्र अहसास तक नहीं हो रहा था कि इस तरह की घटना हो जाएगी। जैन के भाई प्रदीप कुमार जैन व बेटे डॉ. राकेश जैन के अनुसार उनके परिवार का पुलिस लाइन के पास इंडस्ट्रियल एरिया में भूखंड है। ये भूखंड फैक्ट्री के लिए आवंटित किया था। रीको ने इस भूखंड का कुछ हिस्सा निर्माण कार्य न होना बताते हुए निरस्त कर दिया था। जबकि यहां उनका गोदाम है। इसी आधार पर इसके न्यायालय में चुनौती दी गई थी। ये केस वर्ष 2015 से चल रहा था और सोमवार को इसी मामले में अंतिम बहस चल रही थी।
पंपिंग की...लेकिन नहीं बचे; प्रकरण में दूसरे पक्ष रीको के वकील अमित छाबड़ा के अनुसार सुबह करीब सवा घंटे तक दोनों पक्षों की तरफ से बहस हुई थी। इसी दौरान वकील जैन ने घबराहट होना बताते हुए कहा कि वे पानी पीकर आते हैं। सुनवाई की तारीख कल की लेने के लिए कहा। तब वे कोर्ट रूम से थोड़ी दूर बार रूम में गए। वहां तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर निढाल हो गए। वकीलों ने उन्हें लेटा दिया। इसकी सूचना उनके लड़के फिजिशियन डॉ. राकेश जैन व अन्य जानकारों को दी। बेटे राकेश जैन ने कोर्ट परिसर में पहुंचकर विजय कुमार जैन की छाती पर पंपिंग की। उन्हें एक निजी कॉर्डियोलॉजिस्ट के पास ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया।
विजय जैन के बेटे डा.राकेश जैन के अनुसार उनके पिता को डेढ़ वर्ष पूर्व हार्ट की तकलीफ हुई थी। तब उनके स्टंट डाले गए थे। फिर स्वस्थ हो गए थे। विजय जैन नियमित सैर भी करते थे। इन दिनों उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ नहीं थी। वे वकालत के साथ-साथ पेट्रोल पंप संभालते थे। विजय जैन शहर की श्रीदिगंबर जैन कल्याण समिति के पिछले 10 वर्षों से अध्यक्ष थे। उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार को सुबह 8:30 बजे उनके ई ब्लॉक निवास से पदमपुर रोड स्थित कल्याण भूमि के लिए रवाना होगी। उन्होंने समेदशिखरजी के लिए हुए आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
