होटल में धर्मांतरण, 500-500 रुपए देकर महिलाओं को बुलाया, हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे, भगदड़ मची
खुलासा न्यूज नेटवर्क। भरतपुर में धर्म परिवर्तन का मामला सामने यहां है। यहां ईसाई मिशनरी के 15 लोग साढ़े तीन सौ लोगों को धर्म परिवर्तन करा रहे थे। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए और सभा के वीडियो बना लिए। दोनों पक्षों में छीना-झपटी हुई और भगदड़ मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और 3 लोगों को हिरासत में ले लिया है। मामला शहर के मथुरा गेट थाने का है।
हिंदू देवी-देवताओं पर कर रहे थे आपत्तिजनक टिप्पणी
विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह का कहना है कि हमें पता लगा ईसाई मिशनरी की ओर से सोनार हवेली में धर्म परिवर्तन की कोशिश चल रही है। हम मौके पर पहुंचे तो वहां ईसाई धर्म की चंगेजी सभा चल रही थी। वहां 10 से 15 लोग थे, जो यह कह रहे थे कि ईसा-मसीह के पास सभी समस्याओं का हल है। ईसाई धर्म अपनाइए आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। वह चाहे पैसे से संबंधित हो या बीमारी से संबंधित हो और ब्रह्मा, विष्णु, राम, हनुमान कुछ नहीं है। लाखन सिंह के अनुसार धर्म परिवर्तन कराने वाले लोग हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। हमने इसकी रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया। इसके बाद जब हमने उनसे कहा कि हमारे देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी क्यों कर रहे हो तो, उसमें से कुछ महिलाएं खड़ी हुईं और फोन छीनने लगी। मारपीट करने की कोशिश की।
महिलाओं को दिए थे 500 रुपए
विश्व हिंदू परिषद् के जिलाध्यक्ष ने बताया कि इस धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को लेकर हमने वहां आई महिलाओं से बात की। उन्होंने बताया कि हमसे ईसाई धर्म के लोगों ने संपर्क किया और सभा में आने के लिए 500 रुपए प्रति महिला दिए थे। महिलाओं से कहा गया था कि आप ईसाई धर्म अपना लीजिए। हम आपके बच्चों की शादी में और घर में सहायता किया करेंगे। प्रशासन ने हिरासत में लिए लोगों से कई चीजें जब्त की हैं।
सरगना बोला- चंडीगढ़ से आती है फंडिंग
वीएचपी के जिला मंत्री श्याम सुंदर गुप्ता के अनुसार यहां कम से कम 350 लोग थे। हमें सूचना मिलने पर पहुंचे तो मालूम चला कि सभी को अलग-अलग तरीकों से बुलाया गया था। किसी को पैसे देकर तो किसी को बीमारी ठीक करने के बहाने। जब हमने यहां धर्म परिवर्तन करा रहे सरगना को पकड़ा तो उसने कहा- हमें चंडीगढ़ से फंडिंग आती है। हम भी राजस्थान से है और हिंदू ही है। हमने यहां मौजूद लोगों से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमें कोई बीमारी नहीं है। ऐसे में ये मामला सिर्फ और सिर्फ धर्म परिवर्तन का है।