राजस्थान के संविदा कर्मियों को मिल सकती है राहत! - Khulasa Online राजस्थान के संविदा कर्मियों को मिल सकती है राहत! - Khulasa Online

राजस्थान के संविदा कर्मियों को मिल सकती है राहत!

जयपुर। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के संविदा कर्मचारियों की मांगों पर मौखिक सहमति बन गई है। संयुक्त संविदा मोर्चा के प्रदेश संयोजक शमशेर खान भालू ने बताया कि आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने संविदा कर्मियों की दो मांगों को पूरा करने का वादा किया है। ऐसे में अब एज रिलैक्सेशन और पुराने कर्मचारियों के अनुभव को अकाउंट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में नहीं है। जैसे ही वह जयपुर आएंगे। इसके आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। इसको लेकर हम सोमवार तक इंतजार कर रहे हैं लेकिन अगर इसके बाद भी आदेश जारी नहीं किया गया तो प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
बता दें कि इससे प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने भारत जोड़ो यात्रा में कई बार राहुल गांधी से मिल अपनी शिकायत दर्ज कारवाई थी। जिसके बाद राहुल ने गोविंद सिंह डोटासरा को इस समस्या के समाधान के लिए कहा था। ऐसे में राहुल के आदेश के बाद अब सरकार कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 में संशोधन कर सकती है।
पिछले दिनों सरकार ने सरकारी विभागों में काम कर रहे 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला किया गया था। जिसमें शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक को कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में लेने का 21 अक्टूबर को ही फार्मूला तय किया था। जिसके तहत जिन संविदाकर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा। तो उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोडक़र नया वेतन तय किया करने का प्रावधान है।
वहीं संविदा पर शुरुआती वेतन 10 हजार 400 रुपए हर महीने तय होगा। ऐसे में 9 साल सर्विस पूरी करने पर 18 हजार 500 और 18 साल की सर्विस पूरी होने पर 32 हजार 300 रुपए का वेतन मिलेगा। इसके साथ ही जिन संविदा कर्मचारियों का पहले से मिलने वाला वेतन संरक्षित किया गया है। उनकी 9 और 18 साल की सर्विस की गिनती इन नियमों के आने की तारीख से होगी। पहले की सर्विस 9 और 18 साल की गिनती में शामिल नहीं होगी। जिसको लेकर संविदाकर्मी विरोध कर रहे है।
कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट के बाद बनाए थे नियम
कांग्रेस सरकार बनने के बाद ?संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश के आधार पर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए नियम बनाए गए थे।
संविदाकर्मी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन-पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन कल्ला कमेटी ने दूसरा फार्मूला निकाला। सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स 2021 बनाए गए। अब इन नियमों के दायरे में संविदाकर्मियों को लिया जाएगा।
सरकार ने बीच का रास्ता निकाला
संविदाकर्मी परमानेंट सरकारी नौकरी और उसी हिसाब से पद और वेतन की मांग कर रहे थे। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के मौजूदा फार्मूले में संविदाकर्मी सरकार के परमानेंट कर्मचारी नहीं माने जाएंगे, उन्हें संविदा कर्मचारी माना जाएगा फर्क इतना सा है कि उन्हें अब इंक्रिमेंट मिलता रहेगा और उनकी जॉब सिक्योरिटी हो जाएगी।
जब सरकार किसी पद को स्थायी करेगी तब 5 साल से संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों में से स्क्रीनिंग करके उन्हें ही इस पद पर परमानेंट करने का प्रावधान है।
1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी होंगे नियमित
राजस्थान में मौजूदा समय में शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम टीचर सहित कुल 41 हजार 423 संविदाकर्मी नियमित होंगे। इसी तरह ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के राजीविका और मनरेगा के कुल 18 हजार 326 संविदाकर्मी, अल्पसंख्यक विभाग के 5 हजार 697 मदरसा पैरा टीचर्स, हेल्थ डिपार्टमेंट के 44 हजार 833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी नियमित होंगे।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26