कुलपति को बदनाम करने की साजिश विफल, वायरल ई-मेल की नहीं हुई पुष्टि, वायरल पत्र पर बोले, कुलपति देखें वीडियों... - Khulasa Online कुलपति को बदनाम करने की साजिश विफल, वायरल ई-मेल की नहीं हुई पुष्टि, वायरल पत्र पर बोले, कुलपति देखें वीडियों... - Khulasa Online

कुलपति को बदनाम करने की साजिश विफल, वायरल ई-मेल की नहीं हुई पुष्टि, वायरल पत्र पर बोले, कुलपति देखें वीडियों…

बीकानेर. बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में इनदिनों एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें कुलपति पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है। लेकिन इस वायरल पत्र की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई। यह ई-मेल

किसने भेजी है और कहां से आई है। ऐसे में वायरल पत्र के जरिए कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी को बदनाम की साजिश रची गई जो कि विफल रही। कुलपति पिछले लगभग एक साल से विवि को

नए आयाम स्थापित करने के लिए एक्शन मोड़ में नजर आ रहे है।
इस संबंध में जब खुलासा टीम ने कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी से वायरल पत्र पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज तक मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मेरे ऊपर निराधार आरोप लगाया गया है।

वीसी ने बताया कि उनके खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे है जो बिल्कुल फर्जी व निराधार है। वायरल पत्र पर उन्होंने बताया कि कुलसचिव ने कहा कि

हमारे स्तर पर काम नहीं हो सकता है स्थानीय जिला प्रशासन पर शिकायत करें। उसमें उन्होंने माना नहीं है कि आरोप सिद्ध हुए है। कुलसचिव को उनके द्वारा पत्र लिखा गया है हम उनको नहीं मान सकते है।

कुलसचिव कभी मेरे ध्यान में नहीं लाए और लिखित में कभी नहीं दिया है और इसकी जानकारी नहीं है। विद्यार्थी ने बताया कि शिक्षा के मंदिर में रहते हुए विश्वास दिला पाएंगे कि शिक्षा का मंदिर पवित्र है

और सुरक्षित है। सुरक्षा की दृष्टि विवि की ओर से ध्यान दिया जा रहा है। सुरक्षा के आयामए हॉस्टलए पढ़ाई में निर्भय होकर बच्चा पूरा योगदान देकर पढ़ाई करें। इस परिसर में 42 संबद्धता कॉलेज में

छात्र.छात्राएं कोई भी गलत व्यवहार करने की हिमाकत नहीं कर सकें। उतनी ही सुरक्षित हो उतना घर में सुरक्षित महसूस करें।

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला विवि
उन्होंने बताया कि बीटीयू नया विश्वविद्यालय है और इसके विकास की बहुत संभावनाएं है। हमने सबसे पहले नवाचार व शोध पर ज्यादा जोर दिया है। नई शिक्षा नीति में सर्वांगीण विकास की अभिलाषा रखी

गई और उसको समावेशित किया है। हमारा विश्वविद्यालय राजस्थान का पहला विश्वविद्यालय जिसने शिक्षा नीति के अनुरूप अपने कोर्सेज व पाठ्यक्रम को बनाया है और अनुपालना भी कर रहे और सभी स

ंबद्धता कॉलेज में लागू किया गया है। बच्चों में सृजनशीलता बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे है। एआईसीटी ने एक आइडिया लैब के नाम से एक करोड़ पांच लाख का अनुदान दिया गया है और बच्चों के

अंदर आइडिया आ रहा है उन पर काम करेंगे और प्रोडक्ट और प्रोसेस करेंगे और बच्चों के अंदर उद्यमशीलता एक भाव पैदा करेंगे और उसको प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रेवांस सेल बनाई है और

बच्चों के प्रश्न है और रोजाना 10 से 15 बच्चों के फोन आते है उनकी समस्या को सुनता और समस्या का समाधान करते है। हमने टैग लाइन दी थी बच्चों की समस्या को सुनने के लिए विश्वविद्यालय आपके

द्वार कार्यक्रम शुरू किया गया। कोई बच्चा व छात्र तथा फैकेल्टी अपनी समस्याओं का हर चीज समय और समाधान तुरंत करें।

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