
कोरोना महामारी के चलते कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित






नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया हैं. पहले 23 जून को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना था. सबकी सहमति से यह चुनाव स्थगित कर दिया गया. आपको बात दें कि कोरोना महामारी में चुनाव कराने का गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने भी विरोध किया था. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर चिंता प्रकट करते हुए सोमवार को कहा कि यह परिणाम स्पष्ट करते हैं कि कांग्रेस में चीजों को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की डिजिटल बैठक में यह भी कहा कि वह इस चुनावी हार के कारणों पर विचार करने के लिए एक छोटे समूह का गठन करना चाहती हैं.
बंगाल में हमारा खाता तक क्यों नहीं खुला?:
सोनिया ने कहा कि हमें इन गंभीर झटकों का संज्ञान लेने की जरूरत है. यह कहना कम होगा कि हम बहुत निराशा हैं. मेरा इरादा है कि इन झटकों के कारण रहे हर पहलू पर गौर करने के लिए एक छोटे का समूह का गठन करूं और उससे बहुत जल्द रिपोर्ट ली जाए. उन्होंने कहा कि हमें इसे समझना होगा कि हम केरल और असम में मौजूदा सरकारों को हटाने में विफल क्यों रहे तथा बंगाल में हमारा खाता तक क्यों नहीं खुला? इन सवालों के कुछ असहज करने वाले सबक जरूर होंगे, लेकिन अगर हम वास्तविकता का सामना नहीं करते, अगर हम तथ्यों को सही ढंग से नहीं देखते तो हम सही सबक नहीं लेंगे.
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चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने चुनाव कार्यक्रम तय किया
सोनिया ने कहा कि जब हम गत 22 जनवरी को मिले थे तो हमने फैसला किया था कि कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जून के मध्य तक पूरा हो जाएगा. चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने चुनाव कार्यक्रम तय किया है. वेणुगोपाल कोविड 19 और चुनाव नतीजों पर चर्चा के बाद इसे पढ़ेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये चुनाव नतीजें स्पष्ट तौर पर बताते हैं कि हमें अपनी चीजों को दुरुस्त करना होगा.
जहां कुछ महीने पहले तक कांग्रेस सत्ता में थी
गौरतलब है कि असम और केरल में सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी. वहीं, पश्चिम बंगाल में उसका खाता भी नहीं खुल सका. पुडुचेरी में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा जहां कुछ महीने पहले तक वह सत्ता में थी. तमिलनाडु में उसके लिए राहत की बात रही कि द्रमुक की अगुवाई वाले उसके गठबंधन को जीत मिली.


