बीकानेर सहित इन जिलों के कलक्टरों को बदला जा सकता है, सूची पर मंथन जारी - Khulasa Online बीकानेर सहित इन जिलों के कलक्टरों को बदला जा सकता है, सूची पर मंथन जारी - Khulasa Online

बीकानेर सहित इन जिलों के कलक्टरों को बदला जा सकता है, सूची पर मंथन जारी

जयपुर। राज्य सरकार ने हाल ही 201 आरएएस अफसरों के तबादले कर तहसील स्तर से राजधानी तक की ब्यूरोक्रेसी को मथ दिया है, अब जल्द ही एक तबादला सूची आईएएस अफसरों की जारी होने वाली है। कार्मिक विभाग में चल रही तैयारियों को देखते हुए लगता है कि एक बार फिर तबादले की चक्की घूमने वाली है जिसके बाद कुछ जिलों के कलेक्टरों सहित विभागों के सचिव, प्रमुख सचिव व अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तरीय आला अफसर इधर उधर होंगे। सचिवालय में हाल ही जो राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना था, वो भी अब शांत हो चुका है। अब चुनावी वर्ष की तैयारी के लिए प्रशासनिक मशीनरी को तैयार किए जाने की हलचल है।
सरकार में इस बात पर एक मत है कि अगर आचार संहिता के हिसाब से देखा जाए तो चुनाव के लिए महज 11 महीने ही शेष है। ऐसे में सभी जिलों व विभागों के लिए ब्यूरोक्रेसी की एक फाइनल टीम बननी चाहिए। इस पर मंथन चल रहा है। संभवत: इसी महीने यह सूची जारी हो जाए।
सूत्रों के अनुसार लंबे अर्से से एक ही पद पर कार्य कर रहे प्रवीण गुप्ता, हेमंत गेरा, कृष्ण कुणाल जैसे वरिष्ठ आईएएस अफसरों सहित कुछ अन्य आला अफसरों का भी तबादला होना है।
प्रमोटी आईएएस भी हैं शामिल
हाल ही राजस्थान काडर से 4 आरएएस अफसरों मुकुल शर्मा, पुखराज सेन, श्रुति भारद्वाज, अरुण कुमार पुरोहित को भी आईएएस काडर की तुलनात्मक रूप से बेहतर मानी जानी वाली पोस्टिंग मिलेगी। इनके अतिरिक्त कुछ सीनियर प्रमोटी आईएएस और हैं, जो अभी तक कलक्टर के पदों पर नहीं लगे हैं। ऐसे में उन्हें भी कुछ जिलों में कलक्टर बनने का अवसर मिल सकता है।
इन जिलों में बदल सकते हैं कलेक्टर
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर में क्रमश: प्रकाश राजपुरोहित, हिमांशु गुप्ता, ताराचंद मीणा, नथमल डिडेल, भगवती प्रसाद कलाल और टीना डाबी कलक्टर हैं। टॉप ब्यूरोक्रेसी में यूं तो तबादले का कोई नियम काम नहीं करता है, क्योंकि सरकार ने तीन-चार महीने में भी कलक्टर बदले हैं और कई बार तीन साल तक भी नहीं बदले। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि जोधपुर में साम्प्रदायिक तनाव के बाद हुई प्रशासनिक किरकिरी की कीमत सरकार ने चुकाई है। ऐसे में वहां कलक्टर बदला जाना तय ही है। इधर टोंक व हनुमानगढ़ में कलक्टर को करीब डेढ़ वर्ष हो गया। इस सरकार के कार्यकाल में आम तौर पर ज्यादातर कलक्टरों को एक वर्ष से अधिक नहीं रखा गया है। उदयपुर जैसे संभागीय शहर में संभवत: अब सरकार प्रमोटी आईएएस को कलक्टर नहीं रखना चाहती। कुछ अन्य जगहों पर स्थानीय मंत्रियों के अनुसार अफसरों को एडजस्ट किया जाएगा।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26