
विकास शुल्क के नाम पर शहर की कॉलेजें ले रही अब डिग्री के पैसे







अगर डिग्री चाहिए तो पैसे लेकर कॉलेज जाये
शिव भादाणी बीकानेर।बीकानेर। एक तरफ जहां शिक्षा का बढ़ावा देने की बात की जा रही है वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली डिग्री कॉलेजों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है तो वहीं शहर की निजी कॉलेजें व सरकारी कॉलेज रुपये लेकर बच्चों डिग्री दी रही है। इसको लेकर कुछ बच्चों ने खुलासा न्यूज से शिकायत की एक तरफ कोरोना की मार दूसरी तरफ कॉलेजों द्वारा हमारी डिग्री के पैसे लेकर दे रही है अगर कोई विद्यार्थी कही से आये और उसके पास पैसे नहीं हो तो निजी कॉलेज उसको डिग्री नहीं देंगे जब तक रुपये नहीं देंगे। मजे की बात यह कि निजी कॉलेज के साथ सरकारी कॉलेज भी डिग्री बच्चों से विकास शुल्क के नाम पर पैसे लेकर दे रही है और वो सिर्फ प्राईवेट विद्यार्थियों से ली जा रही जब विश्वविद्यालय एक कॉलेज एक तो यह भेदभाव क्यों कि प्राइेवेट विद्यार्थी से पैसे और रिगुलेर से किसी तरह का विकास शुल्क नहीं ऐसा क्यों यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है। कॉलेज एक बच्चे से दो बार विकास शुल्क के नाम पर पैसे लेते है प्राईवेट विद्यार्थी जब अपना फार्म भरता है उस समय 200 से 500 रुपये तक लेता है और बाद डिग्री देते समय फिर पैसे ले रहा है। जब एक बार विकास शुल्क दे दिया तो दूबारा विकास शुल्क के नाम पर रुपये लेना कहां तक उचित है। जब खुलासा रिपोर्टर ने कॉलेज से बात की तो उन्होंने कहा विकास शुल्क लिया जा रहा है जबकि उनके द्वारा दी जाने वाली रसीद पर कही भी विकास शुल्क नहीं है उस रसीद में साफ लिखों है डिग्री व बच्चे की कॉलाश और रुपये ही लिखे है। उसमें साफ 100 रुपये लिखा है। हमने नीचे रसीद की प्रतिलिति भी डाली है उसमें जो लिखा है।
इनका कहना है
ऐसा कोई प्रावधान नहीं है विकास शुल्क के नाम पर कोई भी कॉलेज डिग्री देते समय विद्यार्थियों से पैसे नहीं ले सकते है। अगर कोई कॉलेज डिग्री देते समय पैसे लेते है तो इसकी जांच करवाई जायेगी।
राजाराम चायल
महाराज गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर
कोई भी कॉलेज डिग्री के देते समय विकास शुल्क नहीं ले सकता है क्योकि महाविद्यालय सभी कॉॅलेजों को नि:शुल्क डिग्री उपलब्ध करवाती है।
डॉ. बिठ्ठल बिस्सा
उपकुलसचिव
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर

