REET का पेपर होने के बाद भी टेंशन में अभ्यर्थी - Khulasa Online REET का पेपर होने के बाद भी टेंशन में अभ्यर्थी - Khulasa Online

REET का पेपर होने के बाद भी टेंशन में अभ्यर्थी

राजस्थान के इतिहास में प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) संपन्न हो गई है। जिसमें एक 31 हजार पदों के लिए दो पारियों में 25 लाख अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी। लेकिन पेपर लीक और नकल प्रकरण के बाद रीट एक बार फिर विवादों में घिर गई है। जिसको लेकर अब रीट अभ्यार्थी भी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं।

परीक्षा देने के बाद जहां कुछ अभ्यार्थी रीट के आयोजन को सफल और पेपर को आसान बता रहे हैं। वहीं, कुछ अभ्यार्थी परीक्षा के दौरान हुई धांधली की निष्पक्ष जांच कराने के साथ ही फिर से परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।  सालों से रीट की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों से परीक्षा पर उनकी राय जानी।

पढ़ाई के लिए बच्चों से दूर रही, अब धांधली का डर

उदयपुर की सरोज भट्ट ने बताया कि रीट की तैयारियों को लेकर मैं पिछले लंबे वक्त से अपने छोटे बच्चों और परिवार से दूर रही। ताकि पढ़ लिख कर मेरी भी सरकारी नौकरी लग सके। लेकिन इस बार परीक्षा के दौरान हुई धांधली ने मेरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सरोज ने बताया कि देबारी स्थित उनके परीक्षा केंद्र पर काफी अभ्यर्थियों के पेपर से सील हटी हुई थी। जिससे रीट में हुई धांधली का स्पष्ट पता चलता है। ऐसे में सरकार को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रीट परीक्षा को फिर से आयोजित करवाना चाहिए। ताकि आम छात्र को राहत मिल सके।

रीट के लिए प्राइवेट नौकरी छोड़ दी

करौली के रहने वाले कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि पिछले 3 साल से प्राइवेट नौकरी छोड़कर सिर्फ रीट की तैयारी में जुटा हुआ था। इस दौरान आर्थिक रूप से पूरा टूट चुका हूं। इस वजह से पत्नी और बच्चों को भी गांव में घर वालों के पास छोड़ रखा था। ताकि अच्छे से पढ़कर रीट पास कर सकूं। लेकिन 3 साल बाद हुए पेपर ने मेरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कन्हैया ने बताया कि परीक्षा के दौरान मुझे सील खुला हुआ पेपर मिला था। जब मैंने इसका विरोध किया तब टीचरों ने मुझे शांत करा दिया। इस बीच काफी वक्त बर्बाद हो गया। जिस वजह से में परीक्षा में पूरे प्रश्न भी नहीं कर पाया। ऐसे में सरकारी लापरवाही का खामियाजा अब मुझे भुगतना पड़ सकता है। कन्हैया ने बताया कि सिर्फ मेरे ही नहीं बल्कि बांदीकुई में मेरे परीक्षा केंद्र पर मुझ जैसे दर्जनों छात्रों के पेपर खुले हुए मिले थे। लेकिन परीक्षा केंद्र पर हमारी समस्या को नहीं सुना गया वहीं अब परीक्षा के बाद पेपर आउट की बात भी सामने आई है। जिसने मेरे जैसे लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। ऐसे में सरकार को पारदर्शिता से ही इस पूरे मामले की जांच कर फिर से रीट परीक्षा का आयोजन करवाना चाहिए। ताकि हर अभयार्थी को न्याय मिल सके।

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