नहर विभाग को जानकारी नहीं, लाखों में बिक गई नहर विभाग की भूमि - Khulasa Online नहर विभाग को जानकारी नहीं, लाखों में बिक गई नहर विभाग की भूमि - Khulasa Online

नहर विभाग को जानकारी नहीं, लाखों में बिक गई नहर विभाग की भूमि

बीकानेर। जिले के महाजन. इलाके एक तरफ जहां प्रशासन अराजीराज, जोहड़ पायतन, गोचर आदि को अतिक्रमण मुक्त करवाने में जुटा है। वहीं कस्बे में राजमार्ग संख्या 62 के किनारे स्थित इंदिरा गांधी नहर परियोजना की बेशकीमती भूमि लाखों में बिक गई और विभाग के अधिकारियों को मालूम ही नहीं चला।
गौरतलब है कि कस्बे में राजमार्ग व कंवरसेन नहर के बीच करीब आधा-पौना बीघा भूमि को छोडक़र शेष सारी भूमि नहर कॉलोनी की है। वर्षों पहले कॉलोनी की चारदीवारी हुई थी। तब आवासीय क्वार्टरों व ऑफिस आदि के चारों तरफ दीवार निकाली गई एवं शेष भूमि बिना चारदीवारी के खाली छोड़ दी गई।
करीब 9 बीघा है नहर कॉलोनी की भूमि
राजस्व विभाग के रिकॉर्ड व ऑनलाइन नक्शे में नहर विभाग की कॉलोनी के नाम से राजमार्ग व नहर के बीच करीब 9 बीघा भूमि दर्ज है। मजे की बात यह है कि आरसीपी कॉलोनी की चारदीवारी से एकदम सटती नहर विभाग कॉलोनी की ही बेशकीमती जमीन को दलालों ने लाखों में बेच दिया और विभाग के अधिकारी नींद में सोते रहे।
सूत्रों ने बताया कि राजमार्ग से सटी इस भूमि को करीब 20-21 लाख में बेचा जा चुका है। बेची गई भूमि से पेड़, झाड़ झंखाड आदि काटकर खरीददारों ने निर्माण कार्य भी शुरू कर लिया, फिर भी नहर अधिकारियों की नींद नहीं उड़ी। 29 सितंबर को पत्रिका में सरकारी भूमि पर हो रहे कब्जे, बन रहे भवन शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए राजस्व विभाग के अधिकारियों ने हालांकि सरकारी व जोहड़ पायतन, गोचर, शमशान भूमि आदि की सुध लेनी शुरू की है लेकिन इतना कुछ हो जाने के बाद भी नहर विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है।
ये बोले जिम्मेदार

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