आरयूएचएस में भर्ती सभी 9 ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की दोनों रिपोर्ट आई नेगेटिव - Khulasa Online आरयूएचएस में भर्ती सभी 9 ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की दोनों रिपोर्ट आई नेगेटिव - Khulasa Online

आरयूएचएस में भर्ती सभी 9 ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की दोनों रिपोर्ट आई नेगेटिव

जयपुर: राजधानी जयपुर में गत रविवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से संक्रमित मिले नौ मरीजों की गुरुवार को दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. इन संक्रमितों को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) अस्पताल, जयपुर में शेष अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, आरयूएचएस में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन से संक्रमित 9 मरीजों की दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन सभी को आरयूएचएस अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. सभी मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है. उनकी ब्लड, सीटी स्कैन व अन्य सभी जांच सामान्य हैं. चिकित्सकों ने उन्हें 7 दिन गृह-पृथकवास में रहने की सलाह दी है.

विभाग कोरोना के नए वेरियंट को लेकर शुरू से ही सजग और सतर्क था:
वहीं गुरुवार को राज्य में कोविड-19 के 38 नये मरीज मिले. उनमें से सबसे अधिक 18 संक्रमित मरीज जयपुर में पाये गये. इसके साथ ही राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 260 हो गई है. चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि विभाग कोरोना के नए वेरियंट को लेकर शुरू से ही सजग और सतर्क था. जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट आते ही संक्रमितों को आरयूएचएस में भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया. साथ ही उनके संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की ट्रैकिंग और ट्रेसिंग भी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि 9 मरीजों में से 4 की दोपहर और शेष 5 की दोनों नेगेटिव रिपोर्ट शाम को प्राप्त हुई.

बेवजह नए वैरिएंट का हौवा बनाया जा रहा था:
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीना ने इसे एक सुखद समाचार बताया है. परसादी लाल ने कहा कि मैं पहले ही कह रहा था कि यह वैरिएंट स्वास्थ्य के लिए इतना खतरनाक नहीं है. बेवजह नए वैरिएंट का हौवा बनाया जा रहा था. सभी मरीज स्वस्थ हैं, और किसी की स्थिति गंभीर जैसी नहीं है. कांग्रेस की 12 दिसंबर को महंगाई के विरोध में होने जा रही रैली में सावधानी रखी जाएंगी.

अभी ओमीक्रॉन स्वरूप पर शोध चल रहे, यह डेल्टा की तरह घातक नहीं: 
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने कहा कि अभी ओमीक्रॉन स्वरूप पर शोध चल रहे हैं. इस संक्रमण का प्रसार तेजी से होता है लेकिन यह डेल्टा की तरह घातक नहीं है. उन्होंने कहा कि टीके के दोनों डोज लगने पर यह कम असर करता है. उन्होंने लोगों से टीके की दोनों खुराक लगवाने की भी अपील की है.

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