Gold Silver

चुनावी साल में चर्चा में रहेगा भाजपा का सीएम चेहरा, राजस्थान में अभी संशय

जयपुर। झुंझुनूं में भाजपा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक हो रही है। बैठक में 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों की कैंपेन प्लानिंग होगी। राजस्थान के चुनावों में अब बस 11-12 महीने ही बचे हैं, ऐसे में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि चुनावों में कांग्रेस सरकार का मुकाबला करने के लिए उसका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?
अभी तक तो भाजपा के नेता इस सवाल को यही कह कर टालते आए हैं कि चुनाव केन्द्र की नीतियों-योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा, लेकिन अगर पिछले 5-7 साल में देश भर में हुए विधानसभा चुनावों को देखा जाए तो भाजपा ने हर चुनाव में चेहरा घोषित किया है। यहां तक कि जरूरत पडऩे पर पार्टी ने एक-दो राज्यों में तो गठबंधन सहयोगी दल के नेता को भी चेहरा घोषित किया है। जहां चेहरा घोषित नहीं किया वहां भाजपा को चुनावों में खासी मुश्किलें आईं और परिणाम उसकी इच्छा के विपरीत आए हैं।
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में भी पार्टी कोई ना कोई चेहरा जरूर जनता के सामने पेश करेगी कि सरकार बनने पर इसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हाल ही जिन दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं, वहां पर भी भाजपा ने मौजूदा मुख्यमंत्रियों भूपेन्द्र पटेल और जयराम ठाकुर को अपना चेहरा बना रखा है।
यह अलग बात है कि प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और गृह मंत्री अमित शाह भी दोनों राज्यों में जमकर प्रचार कर रहे हैं और रणनीति भी बना रहे हैं। इस विषय में राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्‌डा ने शनिवार को कहा कि भाजपा में प्रधानमंत्री मोदी और नीतियां पार्टी की ताकत है। यही कारण है कि मोदी, शाह और वह खुद हैदराबाद के नगर निगम चुनावों में भी प्रचार करते हैं और विधानसभा-लोकसभा के चुनावों में भी।
ऐसे में ने जब विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों का अध्ययन किया तो पाया कि भाजपा तो अधिकांश चुनाव स्थानीय चेहरे को आगे रखकर ही लड़ती है, अन्यथा परिणाम उसकी इच्छा के विपरीत ही आए हैं। राजस्थान भाजपा की इस नीति से अछूता नहीं रह सकता। यहां भी जल्द ही भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए किसी न किसी को तो अपना चेहरा घोषित कर सकती है।

Join Whatsapp 26