फर्जी सिम से हो रहे है साइबर क्राइम के मामले, अब कसेगी नकेल - Khulasa Online फर्जी सिम से हो रहे है साइबर क्राइम के मामले, अब कसेगी नकेल - Khulasa Online

फर्जी सिम से हो रहे है साइबर क्राइम के मामले, अब कसेगी नकेल

जयपुर। राजस्थान में फर्जी सिम कार्ड से ठगी का खेल चरम पर है। हालात यह है कि फर्जी सिम कार्ड से साइबर क्राइम में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। सबसे ज्यादा मामले साइबर ठगी के सामने आ रहे हैं। फर्जी सिम के नाम पर सालाना लाखों-करोड़ों रुपए अकाउंट से साफ हो रहे हैं। बैंकिंग, इंश्योरेंस और लॉटरी के नाम पर ठग आम लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए पुलिस प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। अब तक 18 हजार फर्जी सिम कार्ड ब्लॉक करवाए गए हैं। वहीं 32 जिलों में साइबर थाने खोलने की तैयारी है।
अलवर-मेवात व भरतपुर में सबसे अधिक मामले
गौरतलब है कि अलवर, मेवात, भरतपुर और कामां सहित आस-पास के कई क्षेत्र साइबर ठगी का गढ़ बन चुके हैं। हाल ही में भरतपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 18 हजार सिम कार्ड ब्लॉक करवाए हैं। प्रदेशभर में पुलिस अलग—अलग अभियान चलाकर साइबर ठगों पर नकेल कसने का काम कर रही है। साथ ही साइबर थानों में जो स्टाफ कार्यरत हैं, उन्हें भी टेक्नो फ्रेडली बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही हैं।
पहले चुराते फिर सस्ते दामों में बेच देते मोबाइल
पिछले दिनों एसएमएस थाना पुलिस की गिरफ्त में आए बदमाशों ने पूछताछ में बताया था कि वह मोबाइल चुराने के बाद उसे सस्ते दामों में मेवात और भरतपुर में बेच देते थे। मोबाइल और सिम साइबर ठगी के काम में ली जाती थी। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से 100 से ज्यादा मोबाइल बरामद किए थे।
उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी संभालेंगे कमान
वर्तमान में राजस्थान में अपराध को काबू करने के लिए 44 एसपी लगे हुए हैं। कई जिले ऐसे हैं, जिसमें हालात बदतर हैं और उन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। साइबर क्राइम की रोकथाम एवं साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को 32 जिलों में साइबर थाने खोले जाने की स्वीकृति जारी की है। जयपुर में पहले से ही साइबर थाना संचालित किया जा रहा है। साइबर थानों में प्रतिनियुक्त अधिकारी एवं पुलिसकर्मी संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक एवं जयपुर व जोधपुर के साइबर थानों के अधिकारी एवं पुलिसकर्मी संबंधित कमिश्नरेट के डीसीपी अपराध के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में कार्य करेंगे। साइबर पुलिस थानों के थानाधिकारी उपपुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी होंगे।
केस एक— क्रेडिट कार्ड से उड़ाए तीन लाख रुपए
बजाज नगर थाना इलाके में हाल ही में पीडि़त शंकर शर्मा ने थाने में मामला दर्ज करवाया। इसमें बताया कि उसके पास किसी व्यक्ति का न तो फोन आया और न ही किसी तरह का मैसेज। इसके बाद भी उसके क्रेडिट कार्ड से तीन लाख दो हजार रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया। बैंक से मैसेज आने के बाद क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कर खाते को फ्रिज किया गया। पुलिस का मानना है कि संभवत: साइबर ठगों की ओर से कार्ड क्लोनिंग कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया।
बिजली के बिल के नाम पर ठगी
बिजली का बिल जमा करवाने के नाम उपभोक्ताओं को मोबाइल पर एक लिंक भेजा जा रहा है। कई लोग झांसे में आकर लिंक ओपन कर लेते हैं। इसके साथ ही पीडि़त के बैंक खाते से रुपए निकल जाते हैं।
इनका कहना है—
प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने खोले जाने से साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी ढंग से कार्यवाही की जा सकेगी।
उमेश मिश्रा, डीजीपी

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