अमित शाह जी सांसद, विधायकों और महापौर को जीत का नहीं विकास का मंत्र भी दीजिए

अमित शाह जी सांसद, विधायकों और महापौर को जीत का नहीं विकास का मंत्र भी दीजिए

-पत्रकार कुशाल सिंह मेडतियां की रिपोर्ट

बीकानेर। लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में भी भाजपा और कांग्रेस अपनी तैयारियों में जुट गई। जहां भाजपा की नजरें फिर से 25 में 25 सीटें जीत पर है, तो वहीं कांग्रेस भी जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में जुटी हुई है। यहीं वजह है की दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता अब राजस्थान में कार्यकर्ताओं का मन टटोलने को लेकर लगातार दौरे कर रहे है और जीत का मंत्र दे रहे है। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान सबसे पहले बीकानेर फिर उदयपुर और जयपुर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। लेकिन बीकानेर में इसके साथ-साथ विकास का मंत्र देने की भी अत्यधिक आवश्यकता नजर आती है। क्योंकि पिछले कई सालों की बात करें तो यहां विकास एकदम ठप सा पड़ा है। घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी होती है लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाती है। जबकि यहां पिछले 15 सालों से अर्जुनराम मेघवाल सांसद है और केंद्र में मंत्री भी है। उसके बावजूद कोई बड़ी परियोजना जिले को नहीं मिल सकी है। यहां हवाई सेवा, ड्राइपोर्ट जैसी बड़ी मांग भी लंबे समय से की जा रही है। बीकानेर से दिल्ली की फ्लाइट चली जरूर, लेकिन उसका भी नियमित संचालन नहीं हो सका। मंत्री मेघवाल ने खुद एक बार बीकानेर-कोलकाता की फ्लाइट जल्द शुरू करवाने की बात कही लेकिन आज तक नहीं चल सकी। इसके अलावा वंदे भारत जैसी बड़ी ट्रेनों से बीकानेर आज भी वंचित है। जबकि उतर-पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल को छोड़ सभी मंडलों से इन ट्रेनों का संचालन शुरू भी हो गया है। इसके अलावा यहां की सात विधानसभा सीटों में से छह में भाजपा के ही विधायक है। बीकानेर पूर्व से तो सिद्धि कुमारी लगातार चौथा चुनाव जीतकर आई है। इसके बावजूद विकास की गति न के बराबर है। वसुंधरा सरकार में शहर को सूरसागर के रूप में बड़ी सौगात भी मिली। लेकिन इसकी सही देखरेख नहीं होने से हालात क्या है वो सबके सामने है। इसके अलावा दिन में बार-बार बंद होता कोटगेट रेल फाटक शहर की सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। अब तो शहरवासी भी कहने लग गए की इसका समाधान होना मुश्किल ही है। जब अब तो बीकानेर में भी नगर निगम का बोर्ड भाजपा का है, केंद्र और प्रदेश में सरकार भी भाजपा की है। समाधान तो होना ही चाहिए। यह तो बड़ी समस्याए हो गई इसके अलावा शहर की सफाई व्यवस्था भी किसी नहीं छिपी है। जगह-जगह यहां पर कचरें के ढेर नजर आते है। महापौर भी बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है। लेकिन केवल घोषणाएं ही होती है और कुछ भी नहीं। जगह-जगह लगे कचरे के ढेर का असर कुछ समय पहले हुई स्वच्छता रैंकिंग पर भी देखने को मिला। ऐसे में बीकानेर में बड़े-बड़े उद्योग तो दूर की बात यहां पर सड़क, नाली, गंदगी ही बड़ा मुद्दा बनकर रह गया है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बीकानेर में जीत के साथ-साथ शहर में विकास करवाने का मंत्र भी देना चाहिए। जिससे शहर वासियों को कुछ फायदा मिल सके।

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