
एक बार अपने ही लोगों ने बनाई महापौर से दूरी, पढ़ें यह खास खबर






पत्रकार कुशाल सिंह मेड़तिया की खास रिपोर्ट
बीकानेर। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा पदाधिकारियों को जीत का मंत्र देकर लौट गए। इसके बाद भाजपा की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी। अमित शाह ने राजस्थान सरकार के तीन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर (बीकानेर लोकसभा प्रभारी), सुमित गोदारा (श्रीगंगानगर लोकसभा प्रभारी) और अविनाश गहलोत (चूरू लोकसभा प्रभारी) को एक साथ खड़े कर चुनावी तैयारियों पर सवाल पूछे। लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रवार समितियां गठित हुई या नहीं तथा अब तक कितनी बैठकें और दौरे करने की जानकारी चाही। तीनों ही मंत्री इस पर कुछ देर निरुत्तर रहे। इस पर शाह के चेहरे पर थोड़ी नाराजगी का भाव भी दिखा। उन्होंने कहा कि अभी से जुट जाओ और यह संवाद समाप्त होने के बाद अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र की यहीं पर ही बैठक करके जाएंगे। इसके बाद बैठक का दौर शुरू हुआ। बीकानेर की बैठक सतीश पूनिया और विजय आचार्य ने ली। इसी दौरान महापौर ने बीच मीटिंग में खड़े होकर अपने ही पार्टी के महामंत्री को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र का कोई बड़ा नेता आता है, तो उन्हें और पार्षदों को तव्वजो नहीं दी जाती। गृहमंत्री के स्वागत की लाइन में महापौर से पहले तो महामंत्री मोहन सुराणा के ड्राइवर तक खड़े होते है। मंगलवार की बैठक के लिए जयपुर से शामिल होने के लिए फोन आया। जबकि यहां कहा गया कि आप अपेक्षित सूची में नहीं हो। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री आदि के आगमन पर पार्षदों को स्वागत करने का मौका नहीं दिया जाता। इस पर पूनिया ने कहा कि इसे ठीक किया जाएगा। राजनीती से जुटे जानकारों के अनुसार मोहन सुराणा कभी महापौर गुट में नजर आते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब कहीं न कहीं महापौर खेमा भी कमजोर नजर आ रहा है। या यूं कहें की पूर्व विधानसभा में आए परिणामों के बाद अपने ही लोग कहीं न कहीं दूरी बना रहे है।


